दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि यूपी पुलिस द्वारा बहुर्चचित विकास दुबेे एनकाउंटर फर्जी नहींं है। विकास दुबे के भागने के प्रयास करने के बाद आत्मरक्षा में उस पर गोलियां चलाई थीं जिसमें वो मारा गया।
यूपी सरकार ने सर्वोच्च अदालत से कहा कि यह एनकाउंटर हैदराबाद मुठभेड़ मामले से बिल्कुल अलग है। एक हलफनामे के जरिए यूपी सरकार ने प्वाइंट वाइज विकास दुबे मामले की जानकारी दी। सरकार ने कहा कि, विकास दुबे मामले के तथ्य हैदराबाद में हुए एनकाउंटर के तथ्यों से पूरी तरह से अलग हैं। राज्य सरकार ने चार-पॉइंट चार्ट के माध्यम से हैदराबाद मुठभेड़ मामले और विकास दुबे एनकाउंटर मामले के बीच के अंतर को दर्शाया।
उधर, सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया है कि वह विकास दुबे और उसके साथियों की हत्या की जांच के लिए एक समिति नियुक्त कर सकती है। प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे ने तीन न्यायाधीशों की पीठ की अगुवाई करते हुए कहा था, हम आपको बताएंगे कि हम क्या करने जा रहे हैं। यह कुछ ऐसा है जो हम हैदराबाद मामले में पहले ही कर चुके हैं। यूपी सरकार ने हलफनामे में कहा कि, विकास दुबे का मकसद न केवल भागना था बल्कि पुलिसवालों को मारने के साथ-साथ लोगों व पुलिसवालों के मन में दहशत पैदा करना भी था।