अवकाश पर रहे डॉक्टर व कर्मी
कोरोना भय से अस्पताल आने में बचते रहे लोग
राजनांदगांव(दावा)। बहुत दिनों बाद आज मेडिकल कालेज से संबंद्ध जिला अस्पताल में सन्नाटा पसरा देखा गया। दिन भर में गिनती के मरीज ही अस्पताल में उपचार कराने आए। पर्ची कांउटर पर भीड़ पूरी तरह गायब दिखी। इसके पीछे हरेली त्यौहार पर राज्य शासन द्वारा दिये गये सार्वजनिक अवकाश को कारण रूप में देखा जा रहा है। जो काफी हद तक सही भी है साथ ही जिला अस्पताल में पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण के केस निकल आने तथा एक गर्भवती महिला के सिजेरियन डिलीवर उपरांत पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर डाक्टर व नर्सों के प्रभावित होने से लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। हालांकि उक्त घटना के बाद आपरेशन थियेटर से लेकर लेबर रूम व पेइंग वार्ड सहित जचकी वार्ड को सैनिटाईज किया गया है। बताया जाता है कि उक्त घटना के बाद वैकल्पिक रूप से दूसरी ओटी भी तैयार की जा रही है। इसके बाद भी लोगों में थोड़ा संशय बना हुआ है और एकाएक यहां आने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे है। गौरतलब है कि पहले भी सामान्य मरीजों के इलाज के दौरान उनका कोरोना पाजिटिव निकलने से हास्पिटल स्टाफ मुश्किल में पड़ चुका है इसके बाद भी लापरवाही जारी है।
ज्ञात हो कि दैनिक दावा ने 9 जुलाई के अंक में जिला अस्पताल में सोशल डिस्टेसिंग का पालन न होने तथा यहां आने-जाने वाले लोगों को सैनिटाइज नहीं किये जाने के संबंध में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित की थी तथा इससे कोरोना संक्रमण बढऩे की आशंका जाहिर की थी। इसके बाद भी व्यवस्था में सुधार होते नहीं देखा गया। वही सर्दी खांसी से लेकर बुखार व वायरल फीवर का इलाज कराने आने वाले बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ को सुरक्षा गार्डों द्वारा नियंत्रित नहीं करने की बात उठाई गई थी जिस पर अधीक्षक द्वारा सुरक्षा गार्डों का नया टेंडर होने के बाद व्यवस्था में सुधार की बात कही गई थी, लेकिन सुधार आने नहीं देखा गया।
स्थिति वही ढांक के तीन पात होने की वजह से उक्त तरह के हालात निर्मित होते जा रहे है इसे सुधारा जाना आवश्यक है नहीं दिनों-दिन बढ़ते जा रहे इस संक्रामक रोग के कारण लोग इलाज कराने अस्तताल आने की हिम्मत नहीं जुटा पाऐंगे।