रायपुर(दावा)। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने शनिवार को बिलासपुर जिले के तखतपुर विकासखंड मेड़पार में हुई 50 गायों की मौत पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने गायों की मौत के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि दम घुटने से 50 गायों की मौत हो गई, आखिर इसका जिम्मेदार कौन है?
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की गौठान योजना, रोका छेका योजना, सब कागजो में चल रही है। जमीन पर इस योजना का कोई क्रियान्वयन नही हो रहा, सरकार केवल योजना के नाम पर वाहवाही बटोर रही है. डॉ. सिंह ने कंहा की मेढ़पार गांव से जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक रोका छेका योजना के तहत इन गायों को पुराना पंचायत भवन के अस्थायी गौठान में लाया गया था. यहां ना चारे की कोई व्यवस्था थी, न भूसा था, न पैरा। पानी तक की कोई व्यवस्था नहीं थी। 100 से अधिक गायों को एक कमरे में ठूंस दिया गया, जानकारों ने बताया कि आक्सीजन नहीं मिलने और सफोकेशन के चलते गायों की मौत दम घुटने से हो गई। इसमें गर्भवती गायें भी थीं, जो पूरी तरह स्वस्थ थीं।
डॉ सिंह ने कहा कि राज्य के किसी भी गौठान में गाय नहीं है। रोका छेका के तहत जिन गायों को पकड़कर लाया जा रहा है, उसके लिए भी गौठान समितियों को कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। 25-25 लाख रुपये खर्च कर गौठान बनाया गया है, उसकी हालत भी खराबहै। छत और शेड गिर चुके हैं। बांस-बल्ली बारिश में उखड़ चुके हैं। बाउंड्रीवाल का निर्माण गुणवत्ताहीन रहा, जिससे बाउंड्रीवाल धसक रही है। अधिकांश गौठानों में पानी भरा हुआ है, वहां जानवरों के लिए बैठने की जगह नहीं है। डॉ सिंह ने कहा कि 50 गायों की मौत पर सरकार को कड़ी कार्रवाई करना चाहिए।