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बारिश हुआ लॉक, पौधों का ग्रोथ रुका, 3 लाख हेक्टेयर की फसल पर अकाल की छाया

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कोरोना संकट के बीच कर्ज लेकर खेती कर रहे किसानों के माथे पर ंिचंता की लकीर

राजनांदगांव (दावा)। आषाढ़ में अच्छी बारिश के बाद अब सावन दगा दे रहा है। बार-बार बारिश का सिस्टम फेल हो रहा है। हल्की बारिश कहीं-कहीं दर्ज हो रही है। लेकिन ये बारिश फसलों के लिए नाकाफी है। हालात यह है कि अब धान की पौध भी झुलसने लगे हैं, खेतों में दरार पड़ रहे हैं। इस मौसम ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। कोरोना संकट के बीच किसान सहकारी बैंक से लाखों कर्ज लेकर खेती में लगा चुके हैं। ऐसे में अकाल की छाया देख किसानों के होश उड़ रहे हैं।

सावन लगने के बाद से अब तक जरूरत के मुताबिक तगड़ी बारिश जिले में दर्ज नहीं की जा सकी है। आंकड़ों पर नजर डालें तो अब तक केवल 372.9 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है, जो जुलाई में होने वाले औसत वर्षा का महज 51 फीसदी है। हालात ने अकाल की ओर इशारा किया है। इससे जिले में 3 लाख हेक्टेयर से अधिक में लगे फसल के लिए संकट पैदा कर दिया है। अगर अगले सप्ताह भर में बेहतर बारिश दर्ज नहीं की गई तो इसका सीधा असर फसल की पैदावार पर पडऩे वाला है।

12 इंच तक होनी थी ऊंचाई, 7 इंच में सिमटी
किसानों के मुताबिक बेहतर उत्पादन के नजरिए से बोनी से लेकर अब तक के दौरान धान के पौध की ऊंचाई 12 इंच तक होनी थी, लेकिन बारिश नहीं होने के चलते ये ग्रोथ सिर्फ 7 से 8 इंच तक हो सकी है। इसके बाद तेज धूप और जमीन से नमी कम होने से फसल झुलसकर सिमटती जा रही है। फसलों के ग्रोथ के लिए अच्छी बारिश की जरुरत है। सावन बीतने में सप्ताहभर का समय शेष है। इन दिनों में अच्छी बारिश होने की स्थिति में फसलों में कुछ सुधार हो सकता है। लेट लतीफी हुई तो अकाल की संभावना है।

जिले में अब तक 372.9 मिमी. औसत बारिश दर्ज
जिले में अब तक 372.9 मिमी. औसत बारिश दर्ज हुई है। जो पहले जून से अब तक के दस साल की औसत वर्षा की तुलना में 20 प्रतिशत कम हैं। जिले के छुईखदान ब्लाक में 347.1 मिमी, खैरागढ़ में 374.4 मिमी, डोंगरगढ़ में 307.9 मिमी, राजनांदगांव में 324.3 मिमी, डोंगरगांव 371.3 मिमी, चौकी में 428.8 मिमी, मोहला में 358.5 मिमी., मानपुर में 422.1 मिमी. छुरिया ब्लाक में 450.8 मिमी. बारिश हुई है।

बार-बार सिस्टम हो रहा फेल
इधर मौसम विभाग अब भी अगले दिनों में बेहतर बारिश की उम्मीद पूरे भरोसे से नहीं जता पा रहा है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक बारिश का सिस्टम तो बार-बार बन रहा है, लेकिन फिर ये फेल हो रहा है। हालांकि अगले तीन से चार दिनों में जिले में अच्छी बारिश की उम्मीद जरूर की जा रही है। फिलहाल उत्तर भारत में सिस्टम सक्रिय है।

फिलहाल जलाशयों में जलभराव
रुसे 10.13 प्रतिशत
ढारा 44.88 प्रतशित
पिपरिया 50.42 प्रतिशत
मटियामोती 36.14 प्रतिशत
मोंगरा बैराज 40.50 प्रतिशत
सूखानाला 30.61 प्रतिशत
घुमरिया 44.12 प्रतिशत
मढिय़ान 40.03 प्रतिशत

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