रोजी-रोजगार-व्यापार हो रहा प्रभावित, आर्थिक संकट से जूझ रहे लोग
राजनांदगांव(दावा)। पिछले 24 जुलाई से 29 जुलाई तक के लिए जिला प्रशासन द्वारा शहर सहित पूरे जिलेभर में लगाए गये लाकडाउन आज आधी रात को खत्म हो रहा है। प्रदेश में कोरोना संकट के बढ़ते जा रहे खतरे के चलते राज्य सरकार द्वारा लाकडाउन को आठ दिन के लिए और भी बढ़ा दिया गया है। शहर सहित पूरे जिले भर से फिर से लाकडाउन न थोप दिया जाए इसे लेकर व्यापारी वर्ग चिंतित है। विगत कई महिने से व्यापार-व्यवसाय में घाटा उठा रहे व्यापारी इस बार यदि जिला प्रशासन द्वारा लाकडाउन लगाया जाता है तो इसका विरोध करने सडक़ पर उतर सकते है।
ज्ञात हो कि राज्य सरकार द्वारा बढ़ाया गया लाकडाउन बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग आदि जिले आदि के लिए है जहां ज्यादातर कोरोना पॉजिटिव के मामले आ रहे है। इस मामले में राजनांदगांव शहर व जिला काफी संयत है। कुछ इने-गिने मामले ही आ रहे है ऐसे में राजनांदगांव शहर सहित पूरे जिले भर में फिर से लाकडाउन थोप देना बेमानी होगी।
विगत चार महिने से कोरोना संकट के नाम पर लाकडाउन, अनलाक-वन, अनलाक-टू (लाकडाउन) को झेलते झलते जनता ऊब गई है। वैश्विक महामारी कोरोना संकट के चलते सभी के रोजी-रोजगार, काम धंधे बंद पड़े। व्यापारियों का व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। इससे तंग आकर व्यवसायी जनों द्वारा पिछले हफ्ते के लाकडाउन के समय इसकी जबरदस्त विरोध किया गया लेकिन कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा के समझाए बुझाए जाने पर व्यापारी मान गये थे और लाकडाउन का विरोध तथा जिला प्रशासन का सहयोग का अधिमान चलाकर सप्ताह भर तक अपनी दुकानें व्यवसाय बंद रखी और प्रशासन को सहयोग दिया। इस बार फिर से ऐसी नौबत आ रही है। अत: फिर से लगाए जाने वाले लाकडाउन में व्यापार-व्यवसाय प्रभावित होने का हवाला देते हुए व्यापारी जन इसका कड़ा विरोध करने लामबंद हो रहे है।
कोरोना के मामले बढऩे से विगत 24 मार्च से लगे लाकडाउन के चलते घरों में कैद हुए लोग आर्थिक तंगी से जूझनेे लगे है। शहर के खास कर श्रमिक बहुल इलाकों में से कोरोना पाजिटिव के केस आने पर उसे कंटनेमेंट जोन घोषित कर दिया गया। इससे लोग अपना काम-धंधा बंद कर घरों में बैठने मजबूर हो गये। इससे श्रमिक वर्ग के लोगों की परेशानी बढ़ गई है और वे आर्थिक तंगी के शिकार हो गये। 22 मार्च को जनता कफ्र्यू तत्पश्चात 24 मार्च से लगे एक माह के लिए लाकडाउन के चलते निगम के पार्षदों के कोटे से जरूरतमंद लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध कराई गई। जिसमें समाजसेवी भी सामने आए इससे लोगों को थोड़ी राहत मिली थी लेकिन लाकडाउन के लम्बा खींच जाने से लोगों का व्यापार व्यवसाय भी प्रभावित हो गया इसके चलते अब कोई समाजसेवी संस्थाएं जरूरतमंद लोगों को सहयोग करने सामने नहीं आ रही। लोगों को राशन दुकान से खाद्यान्न तो मिल जा रहा है लेकिन आर्थिक तंगी के चलते परिवार के लिए जरूरत के सामान नहीं खरीद पा रहे है।
इधर चेम्बर आफ कार्मस के जिला अध्यक्ष ज्ञानचंद बाफना ने
कहा है कि जहां कोरोना संक्रमण अधिक हो उस इलाकों को कन्टेंमेंट घोषित किया जाए। आगे लाकडाउन न लगाकर इसका दूसरा रास्ता निकाला जाए। ताकि लोगों के काम-धंधे व व्यापार-व्यवसाय प्रभावित न हो। वही चेम्बर आफ कामर्स के प्रदेश उपाध्यक्ष शरद चितलांग्या कहते हुए कहा कि इस बार लाकडाउन बढ़ाया गया तो प्रशासन का जबरदस्त विरोध किया जाएगा। भारत माता चौक स्थित व्यापारियों से इस संबंध में चर्चा की व लाकडाउन का व्यापार-व्यवसाय पर पड़ रहे असर के प्रति चिंता जाहिर करते हुए आज व्यापारियों के साथ कलेक्टर से मिलने की बात कही है यदि प्रशासन ने नहीं माना तो वे लाकडाउन का विरोध करने सडक़ पर उतरने से नहीं हिचकेंगे।