रायपुर। मानसून का लगभग आधा समय बीत चुका है लेकिन अभी उम्मीद के अनुसार चारों तरफ बारिश नहीं हो पाई है। अभी तक हुई बारिश अनियमित एवं अनिश्चित रही है। बिहार में जहां बाढ़ ने हाहाकार मचाया है, वहीं मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, राजस्थान जैसे राज्य अभी भी मूसलाधार बारिश के इंतज़ार में हैं। मौसम के जानकारों का अनुमान है कि 3 और 4 अगस्त को कुछ राज्यों में भारी बारिश हो सकती है। मुख्य रूप से पांच राज्य इससे प्रभावित होंगे। स्कायमेट वेदर के मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 3-4 अगस्त को बंगाल की खाड़ी पर पहला प्रभावी मौसमी सिस्टम बनता हुआ दिखाई दे रहा है। इसके चलते देश के मध्य और पूर्वी भागों में मॉनसून की हलचल बढ़ने की संभावना है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात के कुछ हिस्सों और क्षेत्र के दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में कुछ इलाकों में बाढ़ जैसे हालात भी पैदा हो सकते हैं। जानिये देश भर में कहां कैसा मौसम रहेगा।
स्कायमेट वेदर के अनुसार, गुजरात के उत्तर-पूर्वी हिस्सों साबरकांठा, बनासकांठा, पाटन, दीसा, इडार, मेहसाना और पालनपुर समेत कई इलाकों में जहां अब तक बारिश बहुत कम हुई है, 5 से 7 अगस्त के बीच मूसलाधार बारिश हो सकती है। मुंबई और मराठवाड़ा सहित गुजरात, दक्षिण और दक्षिण पूर्व राजस्थान, और मध्य प्रदेश में हल्की बारिश हो सकती है। इसके अलावा दिल्ली, हरियाणा और पंजाब लगभग सूखा रहेगा।
मानसून का वर्तमान सिस्टम
मानसून के वर्तमान संभावित सिस्टम के पीछे ही एक और मौसमी सिस्टम बंगाल की खाड़ी पर विकसित हो सकता, जो पहले सिस्टम के रास्ते ही आगे पश्चिमी तथा उत्तर-पश्चिमी दिशा में बढ़ेगा। इसलिए कह सकते हैं कि 7 अगस्त के बाद भी बारिश में लंबा गैप नहीं होगा। इस संभावित निम्न दबाव या डिप्रेशन के ओडिशा से जमीनी भागों पर पहुंचने की संभावना है। इसके बाद यह पश्चिमी तथा उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ते हुए छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात को प्रभावित कर सकता है। यह सिस्टम 4 अगस्त को बंगाल की खाड़ी के उत्तरी मध्य भागों तक पहुंच सकता है। संभावना है कि मॉनसून के आगमन के बाद बंगाल की खाड़ी में यह अब तक का सबसे प्रभावी सिस्टम होगा।