डोंगरगाँव (दावा)। राजनांदगांव के जिला चिकित्सालय के सामने मेडिसिटी हॉस्पिटल में दो दिनों से भर्ती मरीज के कोरोना पॉजिटिव होने की खबर मिलते ही अस्पताल प्रबंधन ने मरीज को कोविड-19 अस्पताल पेन्ड्री भेजने की बजाए उसे उसके गृह ग्राम गुंगेरी नवागांव भेज दिया। इसकी खबर मिलते ही गांव में तनाव की स्थिति निर्मित हो गई और मरीज को ग्रामीणों ने निजी एम्बुलेंस सीजी नंबर 08-5198 से उतरने ही नहीं दिया। वहीं उसे कोविड अस्पताल भेजने की मांग घंटों तक करते रहे।
ज्ञात हो कि उक्त मरीज के कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी उक्त निजी एम्बुलेंस के चालक राजा को भी नहीं थी। इधर स्थानीय स्वास्थ्य अमला मरीज की खोजबीन करता रहा, तभी उसे मरीज को संबंधित अस्पताल के द्वारा गृहग्राम भेजे जाने की खबर मिली। मौके में तनाव को देखते हुए डोंगरगांव से बड़ी संख्या में पुलिस बल भी पहुंचा था। इस पूरे घटना क्रम के लगभग दो घंटे बाद जिला मुख्यालय से 108 के द्वारा संबंधित कोरोना पॉजिटिव मरीज को राजनांदगांव ले जाया गया जिसके बाद मामला शांत हुआ।
जानिये क्या है पूरा मामला
बीते 30 जुलाई को समीपस्थ ग्राम अर्जुनी में वाहन दुर्घटना में ग्राम गुंगेरी नवागांव के तीन युवक दुर्घटनाग्रस्त हुए थे। इनमें से एक की मौके पर ही मृत्यु हो गई थी, जबकि उक्त मरीज को गंभीर चोटें आई थी। उसे जिला चिकित्सालय रेफर किया गया था, जहां दो दिनों तक उसका इलाज जारी था। संबंधित पीडि़त के परिजनों ने बताया कि इसी दौरान मेडिसिटी अस्पताल के मुकेश वर्मा नामक व्यक्ति लगातार वहां आकर निजी चिकित्सालय में भर्ती करने की बात करने का दबाव बनाते रहे और यह बताया कि निजी चिकित्सालय में मरीज जल्दी ठीक हो जाएगा। इस बात से प्रभावित होकर मरीजों के परिजनों ने उसे एक अगस्त शनिवार दोपहर को विधिवत मेडिसिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया। इसके लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था उक्त मुकेश वर्मा नाम के व्यक्ति ने ही की। भर्ती होने के बाद ही उक्त एम्बुलेंस से संबंधित मरीज को एक्सरे के लिए भारत डायग्नोस्टिक एण्ड रिसर्च सेंटर भदौरिया चौक भेजा, जहाँ मरीज के विभिन्न अंगों के एक्सरे व टेस्ट कराया। इसके उपरांत उसे मेडिसिटी हॉस्पिटल के जनरल वार्ड में शिफ्ट किया गया. इसके दूसरे दिन रविवार दोपहर मरीज के कोरोना संक्रमित होने की रिपोर्ट आयी और इसकी खबर लगते ही अस्पताल प्रबंधन ने उक्त मरीज को आनन-फानन में निजी एम्बुलेंस से उसके गृहग्राम रवाना कर दिया। प्रबंधन ने इसकी जानकारी न तो प्रशासन को दी और न ही मरीज के परिजनों को ही दी। मरीज के छोटा भाई व अटेन्डेंट भोजन लेकर अस्पताल पहुंचे तो उसे मरीज के घर भेजे जाने की जानकारी हुई। इसके तुरंत बाद वह भी गांव के लिए रवाना हुआ।
जिम्मेदार ही कर रहे हैं लापरवाही
रविवार को कोरोना पॉजिटिव निकले मरीज को 30 जुलाई को दुर्घटना के बाद मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव में भर्ती कराया गया था, जहां 31 जुलाई को उसका कोविड-19 का टेस्ट करने के लिए नमूना लिया गया था। इस दौरान उसे मेडिकल कॉलेज में ही आईसोलेट कर रखा जाना था, परन्तु निजी चिकित्सालय में जल्दी स्वस्थ होने के प्रलोभन के चलते मरीज के परिजनों ने उसे शासकीय अस्पताल से निकाल कर मेडीसिटी अस्पताल में भर्ती कर दिया। यहां मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन की बड़ी चूक है या सांठगांठ यह समझ से परे है। चूंकि मरीज की रिपोर्ट पेंडिंग थी, ऐसी स्थिति में मरीज का ट्रेवल किया जाना संक्रमण को बढ़ाना है। वहीं मेडिसिटी हॉस्पिटल के द्वारा रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मरीज को कोविड-19 अस्पताल भेजने की बजाए उसे निजी एम्बुलेंस से असुरक्षित तरीके से उसके गृहग्राम भेजना यह भी कोविड-19 के बनाए गए दिशा-निर्देशों व नियमों तथा एपेडेमिक एक्ट की विभिन्न धाराओं का घोर उल्लंघन है। जानकारों के मुताबिक इस घटना का छुपाकर निजी अस्पताल के व्दारा उक्त मरीज को जिस वार्ड में भर्ती किया गया था, वहाँ के मरीज, उनके अटेंडेंट सहित मेडिकल स्टॉफ के स्वास्थ्य के साथ गंभीर खिलवाड़ किया गया है।
प्रायमरी कांटेक्ट को सूचीबद्ध करने में छूट रहा पसीना
गुंगेरी नवागांव के जिस युवक को जो वर्तमान में पैर व हाथ टूटने के कारण चलने फिरने में असमर्थ है, उसकी रिपोर्ट रविवार को कोरोना पॉजिटिव आई है। उसके प्रायमरी कांटेक्ट की जांच के लिए प्रशासन को पसीना छूट रहा है। वर्तमान में डायरेक्ट संपर्क में आये पांच अन्य लोगों का सैम्पल लिया गया है, जबकि नियमानुसार निजी एम्बुलेंस का चालक, संबंधित वार्ड के मरीज व उनके परिजन, मेडिकल स्टॉफ, भदौरिया चौक स्थिति निजी लैब व मेडिकल कॉलेज अस्पताल से मेडिसिटी अस्पताल से शिफ्ट करने वाले ड्रायवर व कर्मचारी ये सभी संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आये थे।
मामले में सीएमएचओ डॉ. मिथलेश चौधरी ने कहा कि एक्सीडेंड मामले में मरीज को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां से मरीज भाग कर मेडिसिटी अस्पताल चले गया। मरीज को केजुअल्टी में रखा गया था। कोरोना पॉजिटिव आने पर उसे घर न भेजकर सीधे कोविड-19 अस्पताल भर्ती कराना था। इस मामले में मेडिसिटी अस्पताल व जिला अस्पताल को नोटिस भेजा जाएगा। मरीज के संपर्क में आए अस्पताल के कर्मचारियों की कोरोना जांच भी कराई जाएगी।