मोंगरा सहित सभी बैरॉज के गेट खुले
डोंगरगाँव (दावा)। सूखे सावन के बाद भांदों की झड़ी ने क्षेत्र की नदियों को उफान पर ला दिया है. वहीं क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मोंगरा सहित सभी चार बैराज अपने अधिकतम जल स्तर पर हैं.
वहीं ऊपरी आवक भी लगातार बने रहने के कारण सभी बैराज से पानी छोड़े जाने की खबर है. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मोंगरा बैराज से शुक्रवार सुबह 16 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था वहीं बैरॉज में आवक के बढ़ते क्रम को देखते हुए दोपहर 2 बजे इसे बढ़ाकर 20 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. इसी प्रकार समीपस्थ सूखानाला बैराज से दो गेटों के माध्यम से 35सौ क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है जबकि घुमरिया व खातूटोला बैराज से क्रमश: 25सौ व 24सौ क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, इसके चलते शिवनाथ व उसकी सहायक नदियाँ सूखानाला व घुमरिया नदी पूरे ऊफान पर है. इससे क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो रही है. हालांकि अभी बैराजों सेे छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा स्थिर है परन्तु महाराष्ट्र व ऊपरी भाग में अधिक बारिश होने से इसमें बढ़ोतरी की संभावना है.
क्या स्थिति है बैराजों की
बीते वर्ष इन दिनों सूखे की मार झेल रहे बैरॉजों में 60 फीसदी से भी कम था वहीं इस वर्ष यह जल स्तर अपने अधिकतम भराव क्षमता तक पहुंच चुका है. स्थिति यह है कि सभी बैराजों से पानी छोड़ा जा रहा है. ज्ञात हो कि मोंगरा बैरॉज में शुक्रवार को 80 प्रतिशत जलभराव पहुंच चुका था वहीं सूखा नाला में यह आंकड़ा 86 प्रतिशत को पार कर गया है जबकि घुमरिया बैराज में 87 प्रतिशत वहीं खातूटोला में अधिकतम 60 प्रतिशत में से 57 प्रतिशत पानी का जमाव हो चुका है. समाचार लिखे जाने तक सभी बैराजों से पानी छोड़े जा रहे थे.
खातूटोला बैराज से छोड़ा गया पानी सूखानाला बैराज पहुंच चुका था जिसके बाद से यहाँ गेट और भी खोले जाने की संभावना है. वहीं इन सभी बैराजों का पानी सहायक नदियों से होते हुए नगर के समीप ही शिवनाथ नदी में मिल रही हैं जिसके कारण निचले हिस्सों में अत्यधिक बाढ़ की स्थिति निर्मित हो सकती है. इधर किसानों ने बताया कि प्रशासन को बैराज से पानी छोड़े जाने की सूचना मुनादी व अन्य संसाधनों के माध्यम से प्रभावित क्षेत्र में दिया जाना चाहिए.