कानपुर। अाम तौर पर नौकरी के नाम पर हजारों और लाखों रुपये ठगने के मामले सामने आते रहे हैं लेकिन इस बार शातिरों ने सबसे बड़ी ठगी करके बेरोजागरों को शिकार बनाया है। शातिरों ने आयुष्मान योजना में नौकरी लगवाने का झांसा देकर तकरीबन 80 बेरोजगारों से ढाई करोड़ रुपये ठग लिए। एक संस्था का आइकार्ड देकर हैलट और अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में काम भी कराया। वेतन न मिलने पर धामीखेड़ा युवक ने जब मुकदमा दर्ज कराया तो पोल खुल गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
शातिर खुद को बताता था रेडक्रास सोसायटी का प्रतिनिधि
कल्याणपुर के धामीखेड़ा निवासी विशाल कुशवाहा के मुताबिक गांव के ही एक युवक के बहनोई सूरज कुशवाहा के जरिए उनकी मुलाकात नवाबगंज निवासी अमित पांडेय से हुई थी। अमित खुद को सिविल डिफेंस का स्टाफ अफसर और रेडक्रॉस सोसायटी का कानपुर जिला प्रतिनिधि बताता था। उसने हैलट अस्पताल में और आयुष्मान योजना में संविदा पर 18 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन पर नौकरी लगवाने का झांसा दिया था। विशाल व उनके साथियों से एक से ढाई लाख रुपये तक लिए थे। बाकी पैसा वेतन से काटने की बात कही थी। इसके बाद कंप्यूटर कोर्स कराकर टाइपिंग भी सिखाई।
शातिर ठगों ने आइकार्ड भी दिए
दो अगस्त 2018 से विशाल व उनके साथियों ने काम शुरू किया। आरोपितों ने सभी को एक संस्था का आइकार्ड भी दिया था। कुछ माह तक आरोपितों ने चेक से और नगद वेतन दिया। इसके बाद वेतन देना बंद कर दिया। पीडि़तों के मुताबिक नौकरी की शुरुआत में आरोपितों ने स्टांप पर हस्ताक्षर कराकर ब्लैंक चेक ली थीं। जब वेतन न मिलने का विरोध किया तो आरोपितों ने यही चेक बाउंस करानी शुरू कर दीं और दबाव बनाकर और रकम मांगने लगे। वकील के जरिए नोटिस भी भेजीं। तब पीडि़तों ने पुलिस से गुहार लगाई। थाना प्रभारी अश्विनी पांडेय ने बताया कि सूरज और अमित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच की जा रही है।