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अब तक नहीं आई नवरात्र में मूर्ति स्थापना की गाईड लाईन, मूर्तियां छोड़ी अधूरी

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मूर्तिकारों में डर, गणेशोत्सव की तरह नवरात्रि में भी न हो जाए नुकसान

राजनांदगांव (दावा)। शक्ति की भक्ति का पर्व नवरात्र इस साल 17 अक्टूबर से शुरू होगा। गणेशोत्सव की तरह नवरात्रि में भी कहीं नुकसान न उठाना पड़े, इसलिए मूर्तिकारों ने मूर्तियां बनाने का काम अधूरा छोड़ दिया है। अब इंतजार प्रशासन की गाइडलाइन का है, ताकि उसी अनुरूप मूर्तियां तैयार की जा सकें।

दरअसल इस साल होली के बाद कोरोना का ऐसा ग्रहण लगा कि सारे तीज-त्योहारों की बलि चढ़ गई। इनसे जुड़े व्यापार भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। मूर्तिकारों को गणेशोत्सव और नवरात्रि, इन्हीं 2 मौकों पर काम मिलता है। इसके लिए वे महीनों पहले ब्याज पर राशि उधार लेकर प्रतिमाएं बनाने का काम शुरू कर देते हैं।

गणेश पक्ष में उठाना पड़ा था भारी नुकसान
गणेश पक्ष के दौरान मूर्तिकारों को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा था, क्योंकि करीब 22 दिन पहले जारी हुई गाइडलाइन में 4 फीट से ऊंची प्रतिमाओं की स्थापना पर प्रतिबंध लगा दिया गया। तब तक बड़े साइज की हजारों गणेश मूर्तियां बनाई जा चुकी थीं। नवरात्रि के लिए भी दुर्गा प्रतिमाएं भी तभी बनना शुरू हो गई थीं। नई गाइडलाइन के अभाव में ज्यादातर प्रतिमाओं को पूर्ण आकार नहीं दिया जा रहा है, जबकि नवरात्रि आने में करीब 35 दिन बाकी हैं। दुर्गोत्सव समितियां भी मांग कर रहीं हैं कि गाइडलाइन जल्द से जल्द जारी हो, ताकि उसी हिसाब से तैयारी की जाए।

जिले में हर साल सैकड़ों प्रतिमाएं बनाई जाती हैं। मर्तिकारों ने बताया कि नवरात्र के दौरान शहर सहित गांवों में कई जगहों पर शक्ति की मूर्ति स्थापित की जाती है। जिले में इसकी संख्या सैकड़ों में होती है। सीजन के दौरान अब तक 80 प्रतिशत मूर्तियां एक माह पहले तैयार हो जाती हैं। 20 प्रतिशत मूर्तियां भी अब तक तैयार नहीं हुई हैं। मूर्तिकारों का कारोबार प्रभावित हो गया। मूर्तिकारों ने बताया कि प्रतिमाओं को सुखाने और उनके रंग रोगन में ज्यादा वक्त लगता है।

गाइड लाइन में देरी से परेशानी
इस बार अधिकमास होने की वजह से नवरात्रि लगभग महीनेभर की देरी से शुरू हो रही है। पितृ पक्ष की शुरुआत तक 80 प्रतिशत से ज्यादा प्रतिमाएं बना ली जाती थीं। गाइडलाइन के अभाव में इस साल यह आंकड़ा 20 फीसदी तक भी नहीं पहुंच पाया है।

मूर्तिकारों का कहना है कि जल्द नियम निर्धारित किए जाएं तो बेहतर होगा क्योंकि मिट्टी को आकार देने के बाद सुखाना पड़ता है। फिर रंग-रोगन कर मूर्तियां दोबारा सुखाई जाती हैं। इस काम में लंबा वक्त लगता है और गाइडलाइन जितनी देरी से जारी होगी, मूर्तिकारों और भक्तों को उतनी ज्यादा परेशानी उठानी पड़ेगी।

नुकसान के डर से आर्डर नहीं
दुर्गोत्सव समितियां ऑर्डर तो दे रहीं हैं, लेकिन गणेश पक्ष की तरह नुकसान न उठाना पड़े इसलिए हम खुद अभी काम नहीं ले रहे हैं। – बालम चक्रधारी, मूर्तिकार, थनौद अभी चार फीट से कम के ऑर्डर ही लिए जा रहे हैं
दुर्गोत्सव समितियां बड़े साइज की मूर्तियों बनाने कह रहे हैं, लेकिन अभी ऐसे ऑर्डर कैंसल कर रहे हैं। गणेश पक्ष के दौरान 4 फीट की मूर्तियों को स्थापित करने की परमिशन दी गई थी। इसे देखते हुए अभी 4 फीट की मूर्तियां बनाने का ही ऑर्डर ले रहे हैं। नवरात्रि को लेकर स्थिति स्पष्ट करने सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द गाइडलाइन जारी करें।
शिवेन्द्र कुमार घोष, मूर्तिकार राजनांदगांव

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