Home छत्तीसगढ़ डोंगरगढ़-कवर्धा-कटघोरा रेल लाइन को रेल मंत्रालय से मिल गई मंजूरी

डोंगरगढ़-कवर्धा-कटघोरा रेल लाइन को रेल मंत्रालय से मिल गई मंजूरी

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सांसद संतोष पाण्डेय की मेहनत रंग लाई, रेल लाइन परियोजना की संभावित लागत 4 हजार 21 करोड़ रुपए हैं

राजनांदगांव (दावा)। डोंगरगढ़-कवर्धा-कटघोरा रेल लाइन को रेल मंत्रालय से मिल गई मंजूरी सांसद संतोष पाण्डेय की मेहनत रंग लाई, रेल लाइन परियोजना की संभावित लागत 4 हजार 21 करोड़ रुपए हैं। मिली जानकारी के अनुसार इससे संबंधित पत्र छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव को केन्द्र सरकार ने पत्र प्रेषित कर दी है।

उम्मीद है कि अब जल्द ही परियोजना का कार्य प्रारंभ किया जाएगा। कवर्धा के आउटडोर स्टेडियम में 6 अक्टूबर 2018 को केंद्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कटघोरा-मुंगेली-कवर्धा-डोंगरगढ़ रेल लाइन परियोजना का शिलान्यास किया था, लेकिन इसके बाद से इस परियोजना पर मानो ग्रहण ही लग गया था। कई तरह के पेंच में फंसता गया जिसके कारण परियोजना पर निर्माण कार्य प्रारंभ ही नहीं हो सका।

सांसद पांडेय की पहल रंग लाई
राजनांदगांव सांसद संतोष पाण्डेय लगातार कोशिश करते रहे कि किसी तरह से परियोजना प्रारंभ हो सके। आखिरकार रेल मंत्रालय से इसे हरी झंडी मिल ही गई। 295 किमी की लम्बी रेल लाइन निर्माण की प्रक्रिया अब आरंभ होने को है। निर्माण एजेंसी छग रेल कारपोरेशन लिमिटेड होगी। रेल लाइन परियोजना की संभावित लागत 4 हजार 21 करोड़ रुपए हैं। परियोजना का सर्वाधिक लाभ राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ और कबीरधाम को मिलेगा। सांसद पांडेय ने बताया कि रेल लाइन निर्माण से न सिर्फ डोंगरगढ़ से कवर्धा होकर कोरबा जाने वाले यात्रियों को राहत मिलेगी वरन कोयला व अन्य खनिजों के परिवहन से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

जिले के पचास गांवों से गुजरेगी रेल लाइन
यह रेल लाइन राजनांदगांव व कबीरधाम जिले के 80 गांवों से गुजरेगी। जिसमें डोंगरगढ़ व छुईखदान ब्लाक के 30 गांव व लोहारा तहसील अंतर्गत 15 गांव, कवर्धा तहसील के 23 गांव और पंडरिया तहसील के 12 गांव अंतर्गत कुल 120 किमी की पटरी बिछाई जाएगी। यह सिंगल लाइन रहेगी, जिससे मालगाड़ी के साथ पैसेंजर रेलगाड़ी भी गुजरेगी। भविष्य में इसे डबल लाइन किया जा सकता है।

महसूस हो रही थी रेल लाइन की कमी
जिले की आबादी बढऩे के साथ ही आवागमन के लिए रेल लाइन की कमी महसूस की जा रही थी। वहीं जिले से रेललाइन के गुजरने से सैकड़ों युवाओं और लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। स्टेशन और उसके आसपास बड़ी संख्या में दुकानें लगाई जाएगी। रिक्शा, ठेला, ऑटो भी चलाएंगे। वहीं रेल संचालन व पटरी पर कार्य के लिए बड़ी संख्या में विभिन्न पदों पर भर्ती निकाली जाएगी। यहां से जिले के युवाओं को भी मौका मिलेगा।

मुख्य स्टेशन नवागांव तिवारी में
राजनांदगां व में 12 व कवर्धा व कटघोरा में जिले में 15 स्टेशन बनाया जाएगा। जिसमें कवर्धा जिले में कुल छह स्टेशन बनाए जाएंगे। पंडरिया तहसील के कंवलपुर, सोमनापुर, कवर्धा तहसील बरदुली और सहसपुर लोहारा तहसील के धनेली (छांटा झा) और धनगांव में सबस्टेशन प्रस्तावित है। स्टेशन की दूरी 7 से 13 किमी तक है। वहीं मुख्य स्टेशन कवर्धा के पास ग्राम नवागांव तिवारी में होगा। यह कवर्धा शहर से 4-5 किलोमीटर की दूरी पर है। इससे 2 किमी की दूरी पर नया बस स्टैण्ड भी जिसका लाभ मिलेगा।

पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने की थी पहल
डोंगरगढ़, कवर्धा कटघोरा रेल लाइन के लिए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह एवं तत्कालीन सांसद अभिषेक सिंह ने पहल की थी। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरु हो गई है। केन्द्र सरकार द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद शीघ्र ही रेल लाइन का काम शुरु होने की संभावना जताई जा रहीा है।

इन जगहों पर बनेंगे 27 स्टेशन
डोंगरगढ़ से कटघोरा रेल लाइन के लिए 295 किमी. की दूरी के बीच कुल 27 स्टेशन बनेंगे। इसमें डोंगरगढ़ से कवर्धा के मध्य सहसपुर लोहरा, गंडई, छुईखदान सहित 12 और कवर्धा से कटघोरा के मध्य पंडरिया, बेरला, मुंगेली, तखतपुर, काठाकोनी सहित 15 स्टेशन का निर्माण होना है। इसके लिए जगह चिन्हांकित हो चुके हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने वर्षों पुरानी मांग को स्वीकार कर रेल कॉरीडोर बनाने हरी झंडी दे दी है। जिसकी संभावित लागत 4 हजार 21 करोड़ रुपए है।

संतोष पांडे. सांसद राजनांदगांव

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