रायपुर। इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) की टीम ने गुरुवार से छत्तीसगढ़ में सीरो सर्वे की शुरुआत कर दी। पहले दिन रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव में प्रतिरोधक क्षमता की जांच के लिए लोगों के सैंपल लिए गए। 18 सितंबर को बलौदाबाजार-भाटापारा, मुंगेली, बिलासपुर और जांजगीर-चांपा में सैंपल लिए जाएंगे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन छत्तीसगढ़ द्वारा आइसीएमआर के विशेषज्ञों से कराए जा रहे सीरो सर्वे से आम लोगों और उच्च जोखिम वर्गों में कोरोना से लड़ने की क्षमता का पता चलेगा। इसकी रिपोर्ट से प्रदेश में कोरोना संक्रमण से निपटने की रणनीति तैयार करने में भी मदद मिलेगी।
आइसीएमआर की तीन टीमों ने आम लोगों, ज्यादा जोखिम वाले समूहों जैसे अस्पताल कर्मचारियों, पुलिस, प्रवासी श्रमिकों, औद्योगिक कार्मियों, मीडिया, भीड़ के बीच काम करने वालों के सैंपल एकत्र किए। रायपुर जिले के सेरीखेड़ी, बिलाड़ी, सिलियारीखुर्द और खौना में 40-40 आम लोगों के सैंपल लिए गए। सिलियारीखुर्द में सात और खौना में 44 उच्च जोखिम समूह के व्यक्तियों के भी सैंपल लिए गए। दुर्ग जिले के मोहलई में आम नागरिकों और उच्च जोखिम वर्ग के 40-40 लोगों के, समोदा में 40 आम नागरिकों और उच्च जोखिम वाले 44 व्यक्तियों के, कोकड़ी में आम नागरिकों और उच्च जोखिम समूह के 40-40 व्यक्तियों के सैंपल लिए गए। राजनांदगांव जिले के सुरगी में 42 आम लोगों और उच्च जोखिम वाले 51 व्यक्तियों के, रेंगाकठेरा में 40 आम नागरिकों और उच्च जोखिम वाले 34 व्यक्तियों के, नवागांव में 40 आम लोगों और ज्यादा जोखिम समूह के 30 लोगों के सैंपल लिए गए।
छत्तीसगढ़ में गुरुवार को पहली बार एक साथ 5,226 कोरोना मरीज स्वस्थ हुए हैं। वहीं संक्रमित मिलने के मामले में भी आज फिर रिकॉर्ड टूटा है। एक दिन में 3,809 कोरोना संक्रमितों की पहचान और 17 की मौत हुई है। बता दें कि पूरे राज्य में अब तक 77775 लोग इस संक्रामक बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 32430 मरीज स्वस्थ्य होकर अस्पताल से अपने घर लौट चुके हैं और 36036 मरीज राज्य के विभिन्न कोविड अस्पतालों में अपना उपचार करा रहे हैं। राज्य में अब तक कुल 628 लोगों ने इस संक्रामक बीमारी की वजह से अपनी जान गंवाई है।