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बेमेतरा में राजगामी की करोड़ों रुपए की जमीन को हथियाने चल रहा बड़ा खेल

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पूर्व में भी 180 एकड़ जमीन कृषि विभाग को हुई थी आंबटित


हर्टिकल्चर कॉलेज खोलने के नाम पर कांग्रेस के कद्दावर नेता लगा रहा एड़ीचोटी का जोर


राजनांदगांव (दावा)। राजनांदगांव की रियासत कालीन करोड़ों रुपए की दो सौ एकड़ जमीन साजा-बेमेतरा ब्लाक में है। इस जमीन को हथियाने बड़ा खेल खेला जा रहा है। बेमेतरा के बेलगांव में स्थित 200 एकड़ बेस कीमती जमीन को हर्टिकल्चर कॉलेज खोलने के नाम पर लेने का षडय़ंत्र रचा जा रहा है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बेमेतरा जिले के ग्राम बेलगांव की 200 एकड़ जमीन को साजा क्षेत्र के विधायक व वर्तमान में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे द्वारा हर्टिकल्चर कॉलेज खोलने के नाम पर लेने एड़ीचोटी का जोर अजमा रहे है। बताया जा रहा है कि आज से करीब 30-40 साल पहले भी राजगामी की मोहगांव स्थित करीब 180 एकड़ जमीन को कृषि विभाग को दिया गया था। उक्त 180 एकड़ भूमि में से 75 एकड़ में कृषि महाविद्यालय स्थापित है। शेष भूमि १०५ एकड़ में कृषि विभाग धान की खेती कर शासन को नुकसान बताता है।

बेलगांव में है राजगामी की 500 एकड़ जमीन
बताया गया है कि बेमेतरा के बेलगांव में राजगामी संपदा की करीब 500 एकड़ खेती भूमि है। इस भूमि को नया हर्टिकल्चर कॉलेज खोलने के लिए शासन स्तर से राजगामी संपदा को प्रस्ताव भेजा गया है। बताया जा रहा है कि 200 एकड़ की जिस भूमि की मांग की जा रही है, वह बेहद उपजाऊ है। वहीं अकेले इसी जमीन से राजगामी संपदा को हर साल 50 लाख रुपए लीज के एवज में आय होती है। कुल संपदा की सालाना आय करीब एक करोड़ पांच लाख रुपए है। जिसमें 60 प्रतिशत राशि स्थापना और दूसरे मदों में व्यय किया जाता है।


180 एकड़ जमीन पहले भी लिया गया है
70-80 के दशक में भी राजगामी संपदा से 180 एकड़ जमीन कृषि कॉलेज खोलने के नाम पर दी गई थी। आज पर्यन्त इस जमीन के एवज में संपदा को आर्थिक मुआवजा और क्षतिपूर्ति नहीं दी गई है। बताया जा रहा है कि 200 एकड़ की जमीन फिर मांग किए जाने से मामला सुर्खियों में आ गया है। हर्टिकल्चर कॉलेज खोलने के लिए यूजीसी के मापदंड के तहत सिर्फ 50 एकड़ जमीन की आवश्यकता है। जबकि कॉलेज के नाम पर 200 एकड़ जमीन सुपुर्द करने का प्रस्ताव राजगामी के सामने रखा गया है। जिसे राजगामी संपदा की बैठक में प्रस्ताव को खारिज भी कर दिया है।


बेलगांव के ग्रामीण भी विरोध में आ रहे सामने
बताया जा रहा है कि जमीन देने के प्रस्ताव पर मुहर लगने से राजगामी संपदा की सालाना आय 50 प्रतिशत तक गिर जाएगी। जबकि संपदा के अधीन दर्जनों कर्मी कार्यरत हैं। बेमेतरा जिले के ग्राम बेलगांव की जमीन पर पूरा गांव खेती कर अपनी आजिवीका चला रहा है। ऐसे में लीज में खेती कर रहे किसानों की दिक्कतें बढ़ेंगी। किसान इस फैसले से काफी नाराज है। क्योंकि पूरे ग्रामीण इसी जमीन से खेती-किसानी कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं और राजगामी संपदा समिति में भी प्रतिवर्ष 50 लाख जमा करते है।

राजगामी संपदा समिति पर दबाव
मिली जानकारी के अनुसार राजनांदगांव की रियासतकालीन बेशकीमती संपत्ति में से बेमेतरा में 200 एकड़ जमीन को हथियाने का एक बड़ा खेल चल रहा है। कृषि कॉलेज खोलने सत्ता से जुड़े प्रभावशाली नेता व कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे के द्वारा राजगामी संपदा के पदाधिकारियों के ऊपर राजनीतिक व प्रशासनिक दबाव के जरिये खेतीयुक्त जमीन को कृषि महकमे को सुपुर्द किए जाने का षडयंत्र किया जा रहा है। इस जमीन से राजगामी संपदा को सालाना लगभग 50 लाख रुपये की कमाई होती है। समिति के बायलाज के अनुसार किसी भी संपदा की संपत्ति को आवंटित करने का प्रावधान नहीं है।

राजगामी का अध्यक्ष सीएम व प्रभारी मंत्री को करा चुके हैं अवगत
बताया जा रहा है कि उक्त जमीन को कृषि विभाग को सौंपने से सीधे राजगामी संपदा को प्रतिवर्ष 50 लाख रुपए का आर्थिक नुकसान होगा। ऐसी स्थिति में कर्मचारियों के वेतन और दूसरे खर्च के लिए आर्थिक परेशानी खड़ी हो जाएगी। सूत्रों का कहना है कि राजगामी संपदा अध्यक्ष विवेक वासनिक ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर को भी विस्तृत जानकारी दी है। एकमुश्त 200 एकड़ जमीन देने से राजगामी संपदा का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। गौरतलब है कि राजगामी संपदा के पास हजारों एकड़ जमीन है। इसके अलावा राजनांदगांव शहर का एक बड़ा हिस्सा संपदा के जमीन पर ही बसा हुआ है।

यूजीसी के मापदंड अनुसार 50 एकड़ भूमि में हार्टिकल्चर कॉलेज स्थापित हो सकता है। पूर्व में कृषि विभाग को दी गई 180 एकड़ भूमि में से कृषि विभाग की 105 एकड़ भूमि में कालेज खोल सकते है। और भूमि लेने का कोई औचित्य नहीं है। राजगामी की संपदा का लाभ राजनांदगांव जिलेवासियों को मिलना चाहिये, ना कि अन्य जिले को।

– डॉ. रमन सिंह पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधायक राजनांदगांव

यह मामला मेरे संज्ञान में आया है। राजनांदगांव की जनता के साथ इस मामले में कोई कुठाराघात नहीं होने दिया जाएगा। राजगामी की जमीन को ऐसे किसी को नहीं देने देंगे। राजनांदगांव की जनता के हितों के मद्देनजर राजघराने ने राजगामी संपदा का गठन किया था, जिसमें राजनांदगांव जिले के जरूरतों को प्राथमिकता दी गई है।

विवेक वासनिक, अध्यक्ष राजगामी संपदा राजनांदगांव

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