बेमेतरा जिले के अन्य विधानसभा क्षेत्र में भी दिया जा सकता है महाविद्यालय का लाभ
राजनांदगांव(दावा)। राजनांदगांव की रियासत कालीन सैकड़ों एकड़ जमीन बेमेतरा ब्लाक में है। बेमेतरा के पास बेलगांव में स्थित 200 एकड़ बेस कीमती जमीन को हर्टिकल्चर कॉलेज खोलने के नाम पर अधिग्रहण की कोशिश करने का मामला अब तूल पकडऩे लगा है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह भी इस मामले में विरोध में उतर गये है।
जबकि बेमेतरा में राजगामी की करीब 180 एकड़ जमीन को पहले ही कृषि महाविद्यालय खोलने के नाम पर ली गई है और आज पर्यन्त इस जमीन के एवज में संपदा को आर्थिक मुआवजा और क्षतिपूर्ति नहीं दी गई है। अब सवाल यह उठता है कि बेमेतरा जिला में सिर्फ साजा विधानसभा क्षेत्र में ही दो महाविद्यालय खोलने का क्या औचित्य है। जबकि अन्य विधानसभा में महाविद्यालय खोला जा सकता है, लेकिन राजगामी की ही समीन को निशाने में लेकर फिर से जमीन हथियाने की कोशिश तो नहीं है।
गौरतलब है कि बेमेतरा में हर्टिकल्चर कॉलेज खोलने राजगामी के 200 एकड़ की जमीन फिर मांग किए जाने से मामला सुर्खियों में आ गया है। हार्टिकल्चर कॉलेज खोलने के लिए यूजीसी के मापदंड के तहत सिर्फ 50 एकड़ जमीन की आवश्यकता है। जबकि कॉलेज के नाम पर 200 एकड़ जमीन अधिग्रहण करने का प्रस्ताव राजगामी के सामने रखा गया है। जबकि कॉलेज के लिए 25 से 30 एकड़ जमीन पर्याप्त है। वहीं बेमेतरा के मोहगांव स्थित करीब 180 एकड़ जमीन को पहले ही हथिया कर कृषि विभाग को सौंप दिया गया है। जो घाटे में धान की खेती कर रहा है।
राजनांदगांव में 25 एकड़ में बना है उद्यानिकी कॉलेज
भाजपा शासनकाल में राजनांदगांव शहर में उद्यानिकी कॉलेज बनाया गया है। बताया जा रहा है कि यह कॉलेज 25 एकड़ में खोला गया है। जबकि बेमेतरा में हर्टिकल्चर कॉलेज बनाने 200 एकड़ जमीन की मांग की गई है। ऐसे में कॉलेज के नाम पर राजगामी की जमीन को अधिग्रहण करने व संपदा न्यास को खत्म करने की कोई बड़ी साजिश तो नहीं हो रही है। राजगामी संपदा न्यास की बेमेतरा की जमीन से संपदा को हर साल करीब 50 लाख की आवक हो रही है। यह जमीन अधिग्रहित हो जाती है तो संपदा को चलाना संभव नहीं होगा।
भाजपा सरकार में भी भेजा गया था प्रस्ताव, जिसे खारिज किया
मिली जानकारी के अनुसार इस जमीन पर हर्टिकल्चर कॉलेज बनाने इससे पहले भी भाजपा शासनकाल में सन् 2016 में तात्कालीन विधायक व संसदीय सचिव लाभचंद बाफना द्वारा मांग रखी गई थी और मांग पत्र को राजगामी संपदा न्यास की बैठक में रखा गया। इस दौरान राजगामी संपदा के तात्कालीन अध्यक्ष रहे संतोष अग्रवाल ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। अब सत्ता परिवर्तन के बाद फिर इस जमीन को हथियाने का मामला सामने आया है।
मेरे कार्यकाल के समय भी कॉलेज के लिए जमीन का प्रस्ताव आया था, हम लोगों ने प्रस्ताव निरस्त कर दिया था। राजगामी की जमीन किसी को नहीं दिया जाना चाहिए। राजगामी का अलग ही न्यास मद है। बेमेतरा की जमीन से राजगामी को 50 लाख सालाना आय होती है। इसका हम आज भी पूरे विरोध करते हैं। – संतोष अग्रवाल,
पूर्व राजगामी सम्पदा अध्यक्ष