कोरोना के बाद महंगाई की मार 6 माह में तेल 30 प्रतिशत महंगा, पर ज्योत शुल्क 800 ही
राजनांदगांव (दावा)। शनिवार से शुरू हो रही शारदीय नवरात्रि के लिए मंदिरों में इंतजाम पूरे हो गए हैं। प्रशासन के निर्देश के मुताबिक ज्योत कलश कक्ष में भक्तों को एंट्री नहीं दी जाएगी। न ही मंदिर के गर्भगृह में किसी को प्रवेश दिया जाएगा। भक्तों से अपील भी की जा रही है कि वे वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए घर पर रहकर ही पूजा करें। हालांकि कई मंदिरों ने भक्तों की आस्था को देखते हुए मंदिर परिसर के बाहर प्रोजेक्टर की भी व्यवस्था कराई है। ताकि मां के दरबार में दूरी बने रहे और पूजा- आरती का सीधा प्रसारण देखा जा सके।
इस साल देर ही सही, माता के दरबार में भक्तों की मनोकामना ज्योत जगमगाएंगी। इसकी तैयारी भी हो चुकी है। हालांकि इस बार मंदिरों में काफी कुछ बदला हुआ रहेगा। गर्भगृह में भक्तों को प्रवेश नहीं मिलेगा। न ही प्रसाद दिया जाएगा। साज-सजावट भी कम ही देखेगी। डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर व शहर के बर्फानी आश्रम स्थित काली मंदिर में भक्तों के लिए पूजा और आरती का सीधा प्रसारण के लिए प्रोजेक्टर की व्यवस्था की गई है।
6 माह में बढ़ गए तेल की कीमत 30 प्रतिशत
कोरोना के अलावा महंगाई भी इसकी दूसरी बड़ी वजह है। दरअसल, इस बार देवी मंदिरों में जलने वाली ज्यादातर ज्योत चैत्र नवरात्रि की हैं जो लॉकडाउन लगने की वजह से नहीं जल पाई थीं।
शीतला मंदिर के पूजारी राज दूबे बताते हैं कि तब मनोकामना ज्योत का पंजीयन 600 रुपए में किया जाता था क्योंकि तब एक कलश जलाने में खर्च भी इतना ही आता था। इस राशि में तेल, कलश के अलावा 9 दिन तक ज्योत की सेवा करने वाले सेवादारों मेहनताना भी शामिल रहता है। 6 माह में महंगाई बढ़ी है। जोत में इस्तेमाल किए जाने वाले तेल की ही कीमत 30 प्रतिशत तक बढ़ी है।
इसके अलावा रखरखाव जैसे दूसरे खर्च भी बढ़ गए हैं। अब प्रत्येक ज्योत में 800 से 900 रुपए तक का खर्च आ रहा है। हवन-पूजन और शृंगार सामग्रियों के भी दाम बढ़े मार्च तक तेल का पीपा 1150 रुपए का था। अब यह बढक़र 1600 रुपए हो गया है। इसके अलावा पूजन-हवन, शृंगार सामग्रियों और फल के दाम भी बढ़े हैं। जोत का पंजीयन अभी भी 800 रुपए ही है। नवरात्रि के ज्योत शुल्क से ही मंदिर का मेंटेनेंस व दूसरे जरूरी काम करवाए जाते थे। इस नवरात्रि मंदिरों के सामने अपनी तरफ से पैसे देकर जोत जलाने की स्थिति है। मंदिर का रंग-रोगन तो करवा चुके हैं, लेकिन सजावट और दूसरे बड़े काम नहीं करवाए गए हैं।
बर्फानी धाम में जलेगें साढ़े 1300 ज्योत
इस नवरात्र में शहर के बर्फानीधाम में साढ़े 1300 मनोकामाना ज्योति कलश स्थापित हो रही है। वहीं डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी के उपर मंदिर में 4000, शीतला मंदिर में 50 तथा नीचे मंदिर में लगभग 550 सौ ज्योति कलश प्रज्वलित होंगे। इसके अलावा शहर के शीतला मंदिर में करीब 900 ज्योति कलश स्थापित होंगे।