Home छत्तीसगढ़ दर्शनार्थियों के मंदिर प्रवेश पर लगी रोक से भक्तजन मायूस

दर्शनार्थियों के मंदिर प्रवेश पर लगी रोक से भक्तजन मायूस

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ऑनलाइन दर्शन कर पूजा अर्चना में भाग ले सकते हैं भक्त

डोंगरगढ़ (दावा)। कोरोना वायरस का कहर धार्मिक नगरी डोगरगढ़ में आयोजित नवरात्र पर्व पर,इस नवरात्र में भी नजर आ रहा है. चैत नवरात्र के बाद क्वार नवरात्रि पर्व के मौके पर प्रशासन ने बाहर से आने वाले दर्शनार्थियों के दर्शन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है. देश विदेश के अलावा अनेक राज्य सहित छत्तीसगढ़ के दर्शनार्थियों के मंदिर प्रवेश को पूरी तरह वर्जित कर दिया गया है. मंदिर परिसर के अलावा शहर के प्रमुख मार्गो में बैरिकेट लगाकर दर्शनार्थियों को रोकने की तैयारी की गई है.


राज्य शासन के निर्देश के बाद कलेक्टर के आदेश अनुसार मंदिर प्रांगण के पास लगने वाला मेला और दुकानें भी प्रभावित हुई है. एसडीएम अविनाश भोई, एसडीओपी चंद्रेश ठाकुर, तहसीलदार अविनाश ठाकुर सहित प्रशासनिक अमले ने मेला प्रारंभ होने के पूर्व मंदिर प्रांगण पहुंचकर मंदिर में विधिवत होने वाली पूजा अर्चना हवन और मनोकामना ज्योति कलश की तैयारी का जायजा लिया था. मंदिर से जुड़े प्रमुख मार्गों को सील कर दिया गया है. यह सारी कवायद कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा की जा रही है.

सभी मार्गो को किया गया सील
प्रशासनिक व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखने के लिए बाघ नदी चेक पोस्ट में बैरियर लगाने लगाया गया है. और बोरतलाब मार्ग ,खैरागढ़ मार्ग, चिचोला- तुमडी बोड मार्ग को पूर्णता सील कर दिया गया है. ऐसे लोगों को इस मार्ग से जाने आने में नहीं रोका जाएगा जो निजी कार्यों से आ जा रहे हैं.बेलगांव मार्ग को भी सील कर दिया गया है.बाहर से आने वाले पद यात्री दर्शन के लिए प्रवेश नहीं कर पाएंगे.

पंडित और बैगा ही जाएंगे मंदिर
मां बम्लेश्वरी के सिद्ध पीठ दरबार में बाहर से आने वाले दर्शनार्थियों के अलावा क्षेत्र के दर्शनार्थियों के लिए भी प्रतिबंध किया गया है. 9 दिन तक चलने वाले नवरात्र पर्व के दौरान ट्रस्ट समिति के पदाधिकारियों के अलावा पूजा पाठ में सम्मिलित होने वाले पंडित बैगा और आचार्य ही माता के दरबार और गर्म ग्रह में जा सकेंगे. इस दौरान अखंड दुर्गा स्तुति पाठ, ज्योति कलश की स्थापना, काल भैरव, ग्रामीण देवी-देवताओं की पूजा परंपरागत तरीके से संपन्न होगी.

पूजा व दर्शन के लिए ऑनलाइन सुविधा
मां बम्लेश्वरी के समिति द्वारा चैत्र नवरात्रि की पूजा अर्चना, अनुष्ठान की विधिवत तैयारी कर उसके अनुसारआयोजनों, पूजा पाठ, एवं माता के दर्शन हेतु लोगों को ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. माता के अनुष्ठान के साथ अभिषेक, सिंगार एवं ज्योति कलश को लोग घर बैठे देख सकेंगे.माता की आरती का भी आनंद लोग ऑनलाइन उठा सकेंगे. ट्रस्ट समिति के अध्यक्ष नारायण लाल अग्रवाल, मंत्री नवनीत तिवारी सहित व्यवस्था में लगे प्रश्नों के अनुसार देवी के भक्त माता के मंदिर मैं प्रज्वलित ज्योति कलश, आजीवन ज्योति कलश, अभिषेक, विशेष पूजा एवं सुबह एवं संध्या आरती और दुर्गा सप्तमी पाठ, शतचंडी यज्ञ ,गर्भ ग्रह में अखंड ज्योति कलश ,गर्भ ग्रह में फूलों की सजावट ,देवी वस्त्र सिंगार, भंडार के लिए अनुदान एवं दान राशि मां बमलेश्वरी धर्मार्थ चिकित्सालय के लिए दवाइयां, उपकरण एवं नेत्र लेंस प्रत्यारोपण के लिए दान राशि, ग्रंथालय एवं वाचनालय के लिए पुस्तकें एवं छात्रों को यूनिफॉर्म एवं पुस्तकों के लिए दान राशि, जरूरतमंद महिलाओं के लिए निशुल्क सिलाई मशीन के लिए दान राशि आदि ऑनलाइन जमा कर सकते हैं.

प्रशासन द्वारा आसपास के जिलों में भेजी गई जानकारी
नवरात्रि पर्व को लेकर राज्य सरकार ने प्रदेश के समस्त जिलों के अलावा पड़ोसी राज्यों को नवरात्रि पर्व एवं मेला रद्द होने की जानकारी से अवगत करा दिया है. हालांकि सडक़ मार्ग के अलावा रेलमार्ग से आने वाले दर्शनार्थियों पर रोक लगाने राज्य शासन ने रेलवे प्रशासन को भी अवगत कराया गया है. डोगरगढ़ सहित आसपास के स्टेशनों में भी इसका प्रचार-प्रसार किया जा रहा है.

मेला स्थगित होने से हजारों परिवार बेरोजगार हुए
लगातार दूसरी बार नवरात्र पर्व के दौरान मेला स्थगित होने से जहां मंदिर के आय में भारी कमी देखने को मिल रही है. वही विगत 7 माह से कोरोना महामारी के चलते मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों की संख्या में भारी कमी आई है। दूसरी ओर प्रत्यक्ष रूप से अनेक प्रतिबंधों के चलते मंदिर के नाम से अपना व्यापार व्यवसाय चलाने वाले हजारों परिवार पर आर्थिक संकट गहरा गया है . सैकड़ों परिवार वर्ष में दो बार लगने वाले नवरात्र मेले में व्यापार कर अपना व अपने परिवार का जीवन यापन कर रहे थे. वे भी कोरोना काल के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं.

रोपवे नवरात्रि के 2 दिन पूर्व बंद
प्रशासन ने बाहर से आने वाले दर्शनार्थियों को 17 अक्टूबर एकम तिथि से रोकने के आदेश जारी किए थे. किंतु 14 अक्टूबर की शाम अनू विभागीयअधिकारी अविनाश भोइ के नेतृत्व में पहुंची टीम ने नए रोपवे के सामने बंद के पोस्टर लगवा कर, रोपवे बंद करने के आदेश जारी कर दिए. इसलिए 17 अक्टूबर को बंद होने वाला रोपवे 15 अक्टूबर से ही बंद हो गया.

ज्योति कलश की संख्या में भारी गिरावट
माता के दरबार में ज्योति कलश की संख्या मैं कोरोना कॉल के चलते आधी हो गई है. इस वर्ष चैत्र नवरात्रि में ऊपर मंदिर में 6401 और नीचे मंदिर में 916 ज्योति कलश प्रज्वलित की गई थी. वहीं इस बार क्वार नवरात्रि में ऊपर मंदिर में 4500 नीचे मंदिर में 700 ज्योति जलाई गई है. यह पहली बार होगा जब ज्योति कलश कम प्रज्वलित होंगे.

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