राजनांदगांव(दावा)। संस्कारधानी नगरी की सुप्रसिद्ध संस्था श्री सत्यनारायण मंदिर समिति के द्वारा संचालित श्री सत्यनारायण मंदिर कामठी लाइन में पिछले लगभग 100 वर्षों से शरद पूर्णिमा का महोत्सव सार्वजनिक रूप से धूमधाम से मनाया जाता रहा है। महोत्सव को भव्यता प्रदान करने हेतु रात्रि में सुप्रसिद्ध भजन गायकों की भजन संध्या का आयोजन मध्य रात्रि तक किया जाता था, मध्य रात्रि ठीक 12 बजे भगवान की आरती भोग के पश्चात भक्तजनों को अमृत मयी खीर का वितरण किया जाता था। इस वर्ष कोराना महामारी को देखते हुए शासन की गाइडलाइन एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मंदिर समिति ने निर्णय लिया है कि इस वर्ष शरद पूर्णिमा महोत्सव पर आयोजित होने वाला सार्वजनिक कार्यक्रम स्थगित रखा जाए।
इसके तहत भजन संध्या नहीं होगी एवं मध्य रात्रि में आरती के पश्चात वितरित की जाने वाली अमृत युक्त खीर प्रसाद आम जनों को प्राप्त नहीं हो पाएगी। मंदिर में अनावश्यक भीड़ ना हो एवं शासन के निर्देशों का पालन करने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है कि मंदिर मध्य रात्रि तक बाहर से दर्शन हेतु खुला रहेगा। मध्य रात्रि को आरती के पश्चात मंदिर के पट बंद किए जाएंगे तथा खीर प्रसाद का वितरण नहीं होगा। भक्तजनों को होने वाली असुविधा के लिए मंदिर समिति ने खेद व्यक्त किया है।
मंदिर समिति के अध्यक्ष अशोक लोहिया, सचिव सुरेश अग्रवाल, मंदिर व्यवस्था प्रभारी राजेश शर्मा, पवन लोहिया, श्याम सुंदर खंडेलवाल एवं लक्ष्मण लोहिया ने जानकारी दी कि परंपरा अनुसार शरद पूर्णिमा को सुबह 8 बजे से 9 बजे तक श्री सत्यनारायण भगवान का दुग्ध अभिषेक मंत्रोच्चार के साथ केवल गर्भ ग्रह के अंदर मंदिर के आचार्य जी द्वारा किया जावेगा।
आम जनों के द्वारा किया जाने वाला दुग्ध अभिषेक भी इस वर्ष नहीं होगा। दुग्ध अभिषेक के पश्चात भगवान को नयी पोशाक के साथ श्रृंगार किया जाएगा तथा आरती की जाएगी। तत्पश्चात अभिषेक किए गए दुग्ध का शरबत का प्रसाद वितरण किया जाएगा। भक्त जनों से सहयोग की अपील समिति ने की है।