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सलोनी उपजेल में कैदी की मौत

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खैरागढ़(दावा)। हत्या के आरोप में खैरागढ़ के सलोनी उपजेल में बंद एक कैदी की गुरूवार की दोपहर अकस्मात मौत हो गई. जानकारी के अनुसार वनांचल के साल्हेवारा इलाके का रहने वाला नर्मदा उईके पिता घोडक़ी उईके उम्र तकरीबन 45 वर्ष आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या के आरोप में सलोनी उपजेल में सजा काट रहा था तथा उसकी तबियत बीते कई दिनों से खराब चल रही थी. गुरूवार की सुबह मृतक नर्मदा उईके की तबियत अचानक बिगड़ जाने के कारण उसे सिविल अस्पताल खैरागढ़ में मध्यान्ह तकरीबन 12 बजे उपचार के लिये भर्ती कराया गया था लेकिन कैदी ने बीमारी, कमजोरी व सही समय पर सही उपचार नहीं मिल पाने के कारण तकरीबन 3 बजे दम तोड़ दिया. बताया जा रहा है कि हत्या के आरोप में मृत कैदी नर्मदा उईके बीते तकरीबन 7-8 माह से जेल में बंद था. कैदी की मौत के बाद मामले को लेकर जानकारी देने सभी जिम्मेदार अधिकारी कतरा रहे हैं.

जानकारी के मिलने पर हमारे प्रतिनिधि जब शाम 5 बजे अस्पताल पहुंचे तो वहां कैदी की मौत के दो घंटे बाद भी जेल का कोई जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं थे. केवल एक आरक्षक बीरन सिंह मौके पर मौजूद था वहीं घटना को लेकर चिकित्सक भी कुछ भी कहने-बताने से कतराते रहे और मृत कैदी की तस्वीर भी नहीं लेने दी गई. गौरतलब है कि सलोनी उपजेल में लंबे समय से कैदियों को उचित भोजन नहीं देने व उनके स्वास्थ्य सेहत की ओर ध्यान नहीं देने की शिकायतें मिलती रही हैं. लॉकडाउन के दौरान भी लगातार गर्मी व कमजोरी के कारण कैदियों की तबियत खराब होती रही है और इस दौरान लगभग एक दर्जन से अधिक कैदी उपचार के लिये सिविल अस्पताल खैरागढ़ में भर्ती होते रहे हैं और जेल की अव्यवस्था को लेकर शिकायत करते रहे हैं. गुरूवार को मृत कैदी नर्मदा उईके की अकास्मिक मौत को लेकर जानकारी मिली है कि उसके शरीर में कमजोरी की वजह से केवल 3-4 ग्राम ही खून रह गया था और खून की कमी के कारण उसके शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो गई.

बहरहाल कैदी के शव को सिविल अस्पताल में ही रखा गया है. कल सुबह पोस्टमार्टम के बाद उसका शव परिजनों को सुपुर्द किया जायेगा. कैदी की मौत के बाद जेल प्रशासन का पक्ष लेने जब हमारे प्रतिनिधि ने जेलर रेणु धु्रव से दूरभाष पर चर्चा की तो जानकारी देना छोड़ जेलर यह पूछने लगी कि आपको कैदी की मौत के बारे में किसने बताया? फिर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने स्वीकार किया की मृत कैदी नर्मदा उईके की तबियत बीते 2-3 दिनों से खराब थी और उसे कमजोरी थी, जिसकी आज हार्ट अटैक से मौत हो गई. घटना को लेकर मृत कैदी के परिजनों ने जेल व्यवस्था की जांच को लेकर मांग की है.

हार्ट अटैक से मौत की आशंका-बीएमओ
बीएमओ डॉ. विवेक बिसेन कैदी की मौत का कारण संभवत: हार्ट अटैक बता रहे हैं, वहीं उन्होंने बताया कि कोरोना जांच में वह नेगेटिव पाया गया था. कारण जो भी हो लेकिन जेल में कैदियों को शासन की ओर से मिलने वाली सुविधाओं में लगातार हो रही कटौती और जेल प्रशासन की लापरवाही के कारण पहले तो केवल कैदियों की तबियत ही बिगड़ रही थी लेकिन अब उनकी मौत भी हो रही है जो चिंताजनक है.

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