राजनांदगांव (दावा)। राजनांदगांव में ऑक्सीजन की कमी से एक व्यक्ति की मौत सरकार की असफलता और कोरोना के प्रति उनकी बदइंतजामी की एक झलक है। जिला भाजपा अध्यक्ष और पूर्व सांसद मधुसूदन यादव ने जिला चिकित्सालय में ऑक्सीजन की कमी के कारण एक व्यक्ति की मौत को सरकार की बदइंतजामी का परिणाम माना है जो अत्यंत दुर्भाग्यजनक एवं निराशापूर्ण घटना है। श्री यादव ने कहा कि सरकार सही मायने में कोरोना के प्रति कभी गंभीर ही नहीं रही है, जीवन रक्षक दवाई रेमेडिशिविर की पर्याप्त आपूर्ति कभी जिले में नहीं रही, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के व्यक्तिगत प्रयासों से इस दवाई की कुछ व्यवस्था हो सकी थी, किन्तु सरकार ने कभी भी कोरोना से लडऩे के लिए संसाधन उपलब्ध कराने का प्रयास ही नहीं किया इसके विपरीत मुख्यमंत्री सोंटा खाने और दिखावा करने में ही व्यस्त रहे।
श्री यादव ने कहा कि अब सरकार ने आम जनता को भगवान भरोसे छोडक़र लगता है अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली है जबकि दीपावली त्योहार के समय उमड़ी हुई भीड़ से उतपन्न परिस्थितियों के मद्देनजर किस तरह की कार्यवाही की जानी चाहिये। कोरोना टेस्ट की व्यवस्था कैसी होनी चाहिए, इस पर कोई रणनीति नहीं बनाई गई है और ना ही जिला प्रशासन को कोई निर्देश दिए गए है, जिससे लोगों में आशंका है कि यदि कोरोना के द्वितीय लहर प्रारंभ हो गई जैसे कि दिल्ली में हो चुकी है तब क्या होगा?
श्री यादव ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री जी नें स्वयं माना है कि राजनांदगांव में हुई मौत एक बड़ी चूक एवम लापरवाही है, तो बेहतर है कि स्वास्थ्य मंत्री संसाधन उपलब्ध करवाए, राजनांदगांव जिले का स्वास्थ्य अमला अपनी सेवाएं देने को ततपर है किंतु आवश्यक संसाधन नहीं होने से वे भी मायूस एवं हताश है।
श्री यादव ने कहा की सरकार का कोरोना के प्रति यही लापरवाही पूर्ण कर्तव्य और जिले में संसाधन उपलब्ध कराने के प्रति उपेक्षा पूर्ण रवैया रहेगा तो आंदोलन करने हेतु बाध्य होंगे। क्योंकि राजनांदगांव की स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी जिस उदारता और नि:स्वार्थ भाव से व्यवस्था को संभाला और उन्मुक्त भाव से सामग्रियों के वितरण में प्रशासन को सहयोग किया है वो सरकार की बदइंतजामी से असफल हो जाएगा, क्योंकि कोरोना संकट खत्म नहीं हुआ है, इसलिए भी सरकार को जिम्मेदारी से व्यवस्था संभालना होगा।