बसंतपुर, कंचनबाग, लखोली, रेवाडीह और पेन्ड्री में अवैध प्लाटिंग की फिर शिकायत
राजनांदगांव(दावा)। शहर के विभिन्न जगहों में फिर से अवैध प्लाटिंग कर जमीन को टुकड़ों में खरीदी-बिक्री की शिकायत फिर से सामने आ रही है। अवैध प्लाटिंग का काम जो कॉलोनाइजर्स कर रहे हैं, उनका रेरा में पंजीयन तक नहीं हैं। किसानों की खेती जमीन का सौदा कर उसे टुकड़े कर रहे हैं और खुद का प्रोजेक्ट बताकर बेचा जा रहा है।
शहर के मठपारा, बसंतपुर सहित रेवाडीह और पेंड्री में कॉलोनाइसर्ज अवैध प्लाटिंग कर रहे हैं। स्थानीय निवासियों द्वारा जिला प्रशासन से इसकी शिकायत भी की गई है, लेकिन अब तक रसूखदार कॉलोनाइजरों पर कोई कार्रवाई करने अफसर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार वर्तमान में बसंतपुर में डॉक्टर्स कालोनी के पीछे, मठपारा, कंचनबाग, लखोली सहित रेवाडीह और पेंड्री इलाके में अवैध प्लाटिंग तेजी से हो रहा है। इसमें पेंड्री के मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आसपास के हिस्सों में किसानों से जमीन का सौदा कर बगैर किसी परमिशन के प्लाट कटिंग की जा रही है। इन प्लाटों के लिए कोई रास्ता निर्धारित नहीं हैं, इसके चलते कॉलोनाइजर्स खुद ही मुरुम की सडक़ बनाकर इसे बेहतर प्लाट दिखाकर खरीददारों को झांसा देने में लगे हुए हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है।
बताया जा रहा है कि इन क्षेत्रों में कॉलोनाइजर जमीन को टुकड़े कर बेच रहे हैं । इसमें ज्यादातर मामले ऐसे हैं, जिन पर भूखंड की वैधता को लेकर निर्णय नहीं हुआ है और जमीन को बेच दिया गया है। बेहतर प्लाट होने का झांसा देकर कॉलोनाइजर्स ने इन्हें ग्राहकों को बेच तो दिया, लेकिन जांच में जब पूरा प्रोजेक्ट ही अवैध निकला तो खरीददारों की परेशानी बढ़ गई।
चिन्हांकित 400 अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई अटकी
पूर्व में जांच के दौरान शहर व आसपास के हिस्सों में जो अवैध प्लाटिंग चिन्हित किए गए थे, उन पर भी अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है। अवैध प्लाटिंग करने वाले और इन प्लाटों को खरीदने वालों की सुनवाई के लिए कलेक्टर ने नगर निगम आयुक्त और एसडीएम को जिम्मेदारी सौंपी गई थी, अफसरों का दावा है कि सुनवाई के लिए तमाम दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत होने बार-बार सूचना जारी की गई। लेकिन अवैध प्लाटिंग करने वाले सामने नहीं आए। अब तक एक्शन नहीं लिया गया है।
नहीं हो रही कार्रवाई, हौसले बुलंद
शहर में अवैध प्लाटिंग का खेल फिर शुरु हो गया है। बगैर परमिशन मुरुम की सडक़ बनाकर प्लाट कटिंग करने और बेचने का अवैध कारोबार धड़ल्ले से जारी है। लेकिन जिला प्रशासन गंभीरता नहीं दिखा रही है। यही वजह है कि अवैध प्लाटिंग करने वालों का हौसला बुलंद हैं। सालभर पहले तत्कालीन कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने शहर सहित आसपास के हिस्सों में अवैध प्लाटिंग की जांच का अभियान चलाया था। जिसमें शहर के भीतर ही 200 से अधिक भूखंड सामने आए थें, जिन्हें बगैर किसी परमिशन के प्लाटिंग कर बेचा गया। इसी तरह शहर से लगे इलाकों में भी करीब 180 के आसपास अवैध प्लाटिंग चिन्हित हुए थे। कलेक्टर मौर्य ने इन सभी भूखंडों की खरीदी-बिक्री पर रोक लगा दी थी। लेकिन कलेक्टर के तबादले के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया, कुछ दिनों तक तो कॉलोनाइजर्स ने इस कारोबार को बंद रखा। लेकिन एक बार फिर शहर के अलग-अलग हिस्सों में अवैध प्लाटिंग तेज हो गई है।