अवैध प्लाटिंग: बैन किए गए पेन्ड्री, नवागांव व ढाबा की जमीन का नियम विरुद्ध प्रमाणीकरण
राजनांदगांव (दावा)। शहर में अवैध प्लाटिंग का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अवैध प्लाटिंग का गोरखधंधा अफसरों के शह पर ही हो रहा है। कालोनाइजर व जमीन दलाल राजस्व विभाग के अधिकारियों से सेटिंग कर नियम विरुद्ध जमीनों की खरीदी बिक्री कर रहे हैं।
शहर के कई जगहों पर अवैध प्लाटिंग कर जमीन को टुकड़ों में बांट कर खरीदी बिक्री का शिकायत सामने आई थी। इस दौरान तात्कालीन कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य द्वारा इन जमीनों की खरीदी-बिक्री पर रोक लगा कर इन खसरों पर बैन लगा दिया गया था। कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य के तबादले के बाद तहसीलदार द्वारा बैन खसरों का प्रमाणीकरण करने का मामला सामने आया है। यानि तहसीलादर और राजस्व महकमा द्वारा नियमों को ताक में रखकर बैन जमीनों का प्रमाणीकरण कर खरीदी बिक्री का रास्ता खोला जा रहा है।
तहसीलदार के अनुसार काम नहीं करने वाले पटवारी प्रताडि़त
जानकारी के अनुसार शहर में अवैध प्लाटिंग और बैन खसरों का प्रमाणीकरण मामले में तहसीलदार की जमकर मनमानी चल रही है। बताया जा रहा है कि तहसीलदार द्वारा पटवारियों पर अपने अनुसार काम करने दबाव बनाया जाता है। नियम विरुद्ध काम करने से मना करने पर तहसीलदार द्वारा पटवारियों को प्रताडि़त कर ट्रांसफर करने की जानकारी सामने आई है। फिलहाल इस गंभीर मामले की जांच की जरुरत है।
इन बैन खसरों का हुआ है प्रमाणीकरण
राजस्व विभाग से मिली जानकारी के अनुसार तहसीलदार द्वारा पेन्ड्री स्थित खसरा नंबर 658/ 4 एवं नवागांव-ढाबा स्थित खसरा नंबर 128/1 (छ)128/ 1 एम, 39/1 का प्रमाणीकरण किया गया है। जबकि इन खसरों पर अवैध प्लाटिंग होने का खुलासा होने के बाद बैन लगा हुआ है। बैन खसरों का किस आधार पर और किस नियम के तहत प्रमाणीकरण किया गया है यह जांच का विषय है। इसके अलावा अन्य जगहों पर भी इस तरह का मामला सामने आने से इंकार नहीं किया जा सकता।
इस तरह का यदि कोई मामला है तो यह गंभीर है। बैन खसरा नंबर के जमीनों का प्रमाणीकरण नहीं किया जा सकता। इस मामले की पूरी जांच कराया जाएगा। मामले में किसी तरह की गड़बड़ी सामने आने पर संबंधितों के खिलाफ आगे की कार्रवाई करेंगे।
- टीके वर्मा, कलेक्टर राजनांदगांव