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कांग्रेसियों का भारत बंद असफल – खूबचंद पारख

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राजनंदगांव(दावा)। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष खूबचंद पारख ने आज कांग्रेस द्वारा भारत बंद के आव्हान पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस द्वारा प्रायोजित बंद बुरी तरह से असफल सिद्ध हुआ है। श्री पारख ने कहा कि सरकार ने अपने संसाधनों का उपयोग कर व्यापारियों को बंद करने का आह्वान तो किया, परंतु आव्हान के प्रति कहीं भी जवाबदेही नहीं दिखी और इस बन्द से तथाकथित किसान आंदोलन पूरी तरह से कांग्रेसियों द्वारा प्रायोजित आंदोलन सिद्ध हो गया।
श्री पारख ने कहा कि आज बंद के दिन देश का वास्तविक किसान अपने कार्यों में व्यस्त था, खेती किसानी का कार्य निर्बाध गति से जारी था, किसानी कार्य नींदाई, बुवाई, कटाई भी जारी थी और मंडियों में समर्थन मूल्य में धान का बेचा जाना भी जारी था, साथ ही आगामी समय में टोकन लेने वाले किसान भी उसी गति से आए थे, कुल मिलाकर किसानों ने आज पूर्व की भांति अपने किसानी कार्यों में समय व्यतीत किया और कांग्रेसियों ने किसानों की तरफ से बंद का आह्वान किया, जो कि पूरी तरह से फ्लॉप रहा श्री पारख ने कहा कि देश की जनता सोशल मीडिया एवं डिजिटल युग में जी रही है और अब वह भली-भांति जानती है कि देश विरोधी शक्तियों ने किसान आंदोलन को हाईजैक कर लिया है, स्वार्थी शक्तियों और गद्दार प्रवति के लोगो द्वारा देश में आग लगाने की घटिया सोच और मानसिक विकृति की कांग्रेस शिकार हो गई है, श्री पारख ने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत संसद में पास किए गए बिलों का विरोध सड़क पर चक्का जाम कर, आंदोलन कर, जनता को परेशान कर देश को जलाने की यह कांग्रेसी शैली लोकतंत्र विरोधी अराजक मानसिकता को दर्शाती है, श्री खूबचन्द पारख ने जोर देकर कहा कि किसान हमारे लिए अन्नदाता है, और भगवान तुल्य हैं, और किसान भी भली भांति जानते हैं कि उनकी रक्षा के लिए मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा की मजबूत सरकार केंद्र में बैठी है, जो और किसानों का अहित होने नहीं देगी ,यह आंदोलन बंगाल और बाकी जगहों पर होने वाले चुनाव के पूर्व विपक्षी दलों द्वारा मोदी सरकार को अस्थिर करने का षडयंत्र है, जिसका जवाब देश की जनता समय पर देगी।
श्री पारख ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के हित में तीनों कानून बनाए गए है जिसमे आवश्यक संशोधन करने हेतु सरकार भी सकारात्मक रूप से तैयार है, आपसी बातचीत से समाधान निकालने हेतु केंद्र सरकार प्रत्यनशील है, परन्तु देश से समझौता सरकार बर्दाश्त नही करेगी ।

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