खरीदी बंद होने की नौबत, मार्कफेड उठाव करने गंभीर नहीं
राजनांदगांव(दावा)। जिले के समर्थन मूल्य में धान खरीदी केन्द्रों में अव्यवस्था का आलम है। किसानों को एक ओर बारदाने की कमी से परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है। वहीं मार्कफेड द्वारा धान का अब तक परिवहन शुरु नहीं किया गया है।
जानकारी के अनुसार जिले के करीब दर्जनभर खरीदी केन्द्रों में 15 से 20 हजार क्विंटल धान जाम है और इन केन्द्रों में जगह नहीं होने से खरीदी बंद होने के कगार में है। जिले में अब तक 1206412 लाख क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है, लेकिन अब तक एक दाना धान का उठाव नहीं हुआ है। जिले के संग्रहण केन्द्रों में अब भी करीब ढाई लाख क्विंटल धान पड़ा हुआ है इसका उठाव नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि एफसीआई और नान से इसका परमिशन नहीं हुआ है और शासन से इस संबंध में कोई पहल नहीं हुआ है। वहीं केन्द्र से बारदाना की सप्लाई नहीं होने से कमी हो रही है। खरीदी केन्द्रों में मिलर्स और पीडीएस से जमा पुराने बारदाने में खरीदी हो रही है। एफसीआई पुराने बारदाने में चावल नहीं खरीदेगी। इस तरह बारदाने की कमी के चलते भी धान उठाव में परेशानी हो रही है।
मिलिंग का कोटा बढ़ाने के बाद भी नहीं कट रहा डीओ
बताया जा रहा है कि पहले खरीदी के समय 24 लाख क्विंटल धान की मिलिंग पर चावल लेना था, लेकिन अब 12 लाख 46 हजार क्विंटल की एवज में ही चावल लेना है। बावजूद इसके एफसीआई का कोटा बढऩे के बाद भी डीओ नहीं कट रहा है। जबकि व्यापारियों से एग्रीमेंट कर लिया गया है। अब बारदाने की कमी होने से सोसायटी वाले सीधे व्यापारियों से संपर्क कर रहे हैं।
पहले ढाई माह होती थी खरीदी अब दो माह
पूर्ववर्ती रमन सरकार के समय राज्य में ढाई माह तक धान की खरीदी होती थी, लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस सरकार द्वारा खरीदी का दिन भी कर दिया गया है। कांग्रेस राज में अब दो माह ही खरीदी हो रही है। वहीं रमन राज में लिकिंग के लिए 15 दिन का अतिरिक्त समय दिया जाता था। अब दो माह में ही लिकिंग व खरीदी करना है।