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तुलसी नर्सिंग होम संचालक के खिलाफ होगी एफआईआर

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राजनांदगांव(दावा)। स्थानीय बसंतपुर-कौरिनभाठा रोड में मंगलवार की शाम को तुलसी नर्सिंग होम के निर्माणाधीन भवन की छत ढलाई के दौरान मलबा गिरने से एक महिला मजदूर की मौत सहित पांच मजदूरों के गंभीर रूप से घायल होने की घटना की जांच पुलिस द्वारा की जा रही है। माना जा रहा है कि जांच पूरी होने के बाद नर्सिंग होम संचालक के खिलाफ पुलिस एफआईआर दर्ज कर सकती है। पुलिस इस मामले में सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है।

ज्ञात हो कि तुलसी नर्सिंग होम के इस नए भवन के सामने बन रहे पोर्च का स्लैब मंगलवार की शाम को अचानक गिर गया, जिससे नीचे काम कर रही ग्राम जंगलेशर की 35 वर्षीय ज्योति साहू नामक महिला की मौत हो गई। और पांच मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों में एक युवक की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक वीआईपी रोड में तुलसी नर्सिंग होम की संचालक डॉ. विजयश्री जैन के पति अमोलक कुमार जैन अपनी निगरानी में निर्माण कार्य करा रहे थे, जबकि उन्हें तकनीकी एक्सपर्ट की मदद से निर्माण कार्य कराना था। कुछ दिन पहले सड़क में मटेरियल गिराने के मामले में भी नगर निगम द्वारा 25 हजार रुपए का जुर्माना ठोंका गया था। बताया जा रहा है कि अमोलक जैन ने कुछ दिन पहले निर्माण कर रहे ठेकेदार की किसी बात को लेकर पिटाई कर दी थी। इसके चलते वह काम आधा छोड़कर चला गया था। ठेकेदार के जाने के बाद से अमोलक जैन स्वयं निर्माण कार्य करा रहे थे। एक मजदूर ने बताया कि स्लैब के लिए सेंटिं्रग मजबूती से तैयार नहीं किया गया था। ढलाई करने के दौरान अचानक भार अधिक होने के कारण स्लैब गिर गया। इस हादसे में वह भी मामूली रूप से जख्मी हुआ है।

बताया जा रहा है कि अस्पताल भवन निर्माण में जिस तरह से लापरवाही बरती गई है, उन तथ्यों को भी पुलिस खंगाल रही है। बसंतपुर पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जांच में अस्पताल के मालिक की लापरवाही सामने आ रही है, उनके विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। बताया जाता है कि तुलसी नर्सिंग होम की संचालक डॉ. विजयश्री जैन कई मामलो में विवादित रही है। उन पर मरीजों के साथ अभद्र व्यवहार करने के अलावा स्वास्थ्य वीमा कार्ड को जब्त करने का भी मामला सामने आया था। वहीं तुलसी नर्सिग होम के इस नए निर्माणाधीन भवन में तकनीकी विषयों की जमकर अनदेखी की गई है। मृत महिला ज्योति साहू दिहाड़ी मजदूर के तौर पर कार्यरत थी। नियमानुसार पंजीकृत ठेकेदार और मजदूरों के जरिये ही निर्माण कार्य किए जाने का प्रावधान है। इससे परे अस्पताल मालिक ने तमाम नियमो को अनदेखी कर सीधे निर्माण की जिम्मेदारी अपने हाथो में ली। मृत महिला के दो मासूम बच्चे भी हैं, इसलिए महिला के परिजनों को मुआवजा देने की भी मांग की जा रही है। पता चला है कि आज मृतका के परिवार वालों को तात्कालिक रूप से आज अस्पताल प्रबंध द्वारा एक लाख रूपए नगद मुआवजा के रूप में प्रदान किया गया है। शव को पोस्टमार्टम के बाद परिवार वालों को सौंप दिया गया। बहरहाल स्लैब गिरने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। वहीं पुलिस भी पूरे मामले की जांच कर रही है। बसंतपुर पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद अपराध दर्ज किया जाएगा।

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