भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने राज्य सरकार पर साधा निशाना कहा- कांग्रेस सरकार का दो साल प्रदेश के लिए काला इतिहास
राजनांदगांव (दावा)। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अजय चंद्रकार गुरुवार को एक दिवसीय प्रवास पर राजनांदगांव पहुंचे थे। उन्होंने जिला भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के आज दो साल पूर्ण हो गए है। भूपेश सरकार का यह दो साल छत्तीसगढ़ के लिए काला इतिहास के सामान है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रेत व शराब माफियाओं का राज चल रहा है। भूपेश सरकार इटली से प्रभावित है और माफियाओं को खुला छूट मिला हुआ है।
श्री चन्द्राकर ने कहा कि भूपेश की सरकार कलेक्टर- एसपी की नियुक्ति पैसा लेकर कर रही है। यह पहला प्रदेश है जहां नियुक्तियां ठेके में होती है। छत्तीसगढ़ सरकार को उनके कार्यों के लिए मै शुन्य अंक देता हूं। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय चंद्रकार ने कहा कि यह सरकार पूरी तरह से विफल साबित हो रही है।
किसानों का कर्ज नहीं हुआ पूरा माफ
इस सरकार ने किसानों का कर्जा माफ करने की बात कही थी, पर आज तक किसानों का पूरा कर्जा माफ नहीं हो पाया है. किसानों को दो साल का बोनस देने की बात करने वाली सरकार आज तक किसानों को बोनस नहीं दे पाई है। उन्होंने कहा कि सरकार स्वामिनाथन की रिपोर्ट शत प्रतिशत लागू करने के लिए अब तक क्या- क्या कदम उठाई है बताए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को बेचने वाली सरकार छत्तीसगढ़ का नेतृत्व कर रही है।
राजनांदगांव निगम में विकास के लिए नहीं आ रही राशि
भाजपा प्रवक्ता चन्द्राकर ने कहा कि ग्रामोद्योग विभाग में महिला स्व सहायता समूह से सिलाई के नाम से कमीशन लिया जा रहा है। कोविड के मौत में भ्रष्टाचार करने वाली अपनी इमेज बनाने वाली यह पहली सरकार है। जिला जो आंकड़ा जारी करती है और प्रदेश जो आंकड़ा जारी करती है उसमें जमीन आसमान का अंतर है। मौत में भी अपनी छवि चमकाने में यह सरकार लगी हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा राजनांदगांव निगम में अधोसंरचना में कितने पैसे विकास कार्य के लिए आए और कितने बड़े प्रोजेक्ट स्वीकृत हुए है, यह सरकार बताएं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राजनांदगांव निगम में विकास के लिए राशि जारी नहीं कर रही है।
दो साल में भूपेश सरकार ने तीस हजार करोड़ रूपए कर्ज लिया
चन्द्राकर ने कहा कि दो साल में छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने तीस हजार करोड़ रूपए कर्ज लिए है। यदि यह सरकार इसी तरह से चलती रही तो छत्तीसगढ़ का कर्ज और छत्तीसगढ़ का बजट एक बराबर हो जाएगा। छत्तीसगढ़ सरकार ने कहा था कि चिटफंड कम्पनियों का पैसा उपभोक्ताओं को वापस करेंगे। अब तक सरकार ने 60 करोड़ रूपए वापस की है। जबकि उपभोक्ताओं को 6 सौ करोड़ रूपए लौटाए है। जिस गति से सरकार पैसा लौटा रही है। उससे तो ऐसा लगता है कि इस सरकार को सौ साल लग जाएंगे उपभोक्ताओं का पैसा लौटाने में।