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आईटीबीपी जवानों द्वारा सागौन तस्करी मामले में डीआईजी का ट्रांसफर

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तस्करी में शामिल जवानों पर भी होगी कार्यवाही?
राजनांदगांव(दावा)।
डोंगरगढ़ क्षेत्र के नक्सल प्रभावित तोतलभर्री क्षेत्र में जंगल से बीती रात आईटीबीपी के जवानों द्वारा सागौन लकड़ी की सरकारी वाहन से तस्करी का ग्रामीणों द्वारा खुलासा किए जाने के बाद आज आईटीबीपी के डीआईजी का ट्रांसफर कर दिया गया। हालांकि तस्करी में शामिल जवानों पर कार्यवाही का पता नहीं चल पाया है।

सूत्रों के अनुसार 27 दिसंबर की रात्रि में 11 बजे के आसपास तोतलभरीं के ग्रामीणों ने सागौन की अवैध तस्करी कर रहे आईटीबीपी के जवानों को पकड़ा था। उसमें से एक गाड़ी सीएच 01 जीए 2444 में सागौन लठ्ठा, बल्ली 11 नग एवं एक नग ठूंठ मिला था, जिस पर ग्रामीणों ने कार्यवाही की मांग करते हुए वन विभाग की टीम को बुलाया और आईटीबीपी के जवानों को घेरे रखा। माहौल बिगड़े देख स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंची थी। इस खबर को दैनिक दावा ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिस पर आज आईटीबीपी महानिदेशालय भारत सरकार नई दिल्ली से पत्र जारी कर क्षेत्रीय मुख्यालय (बैंगलुरू) में पदस्थ छोटा राम जाट, उप महानिरीक्षक (जीडी) को प्रशासनिक कारणों के दृष्टिगत तत्काल प्रभाव से मुख्यालय उत्तर पश्चिमी फ्रंटियर, लेह में स्थानांतरित किया गया है तथा चौबीस घंटे के भीतर कार्यमुक्त होने भी कहा गया है। यह आदेश ओपी यादव उपमहानिरीक्षक (कार्मिक) द्वारा जारी किया गया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सागौन के अवैध परिवहन में संलिप्त वाहन चालक ने बताया है कि कंपनी के जवान द्वारा उन्हें बताया गया था कि कम्पनी कमांडर के निर्देश पर ठेकेदार के दिशा-निर्देश पर वाहन को लेकर जाना है, जब वहां पहुंचा तो पता चला कि मामला सागौन का अवैध परिवहन करने का है। वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मामले को संज्ञान में लिया। पता चला है कि मुख्य वन सरंक्षक दुर्ग श्रीमती शालिनी रैना द्वारा इस मामले की जानकारी ली गई और डीएफओ संजय यादव को कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए गए थे। उच्च अधिकारियों द्वारा मामले को संज्ञान में लेते ही सागौन तस्करों के कान खड़े हो गए हैं। माना जा रहा है तस्करी में लिप्त आईबीपी जवानों पर विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। वहीं नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आईटीबीपी के जवानों द्वारा जान जोखिम में डालकर रात के अंधेरे में सागौन की तस्करी को लेकर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। देखने वाली बात होगी कि इस मामले में और कितने लोगों पर कार्यवाही होती है?

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