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बाघ का लोकेशन लेने रायपुर से पहुंच फारेस्ट अफसर

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खैरागढ़ क्षेत्र में तीन दिन पहले दिखा था बाघ, ग्रामीणों को सतर्क रहने की हिदायत
राजनांदगांव(दावा)।
तीन दिन पहले तिलईभाठ में बाघ दिखने के बाद मचे हड़कंप के बीच वन विभाग का समूचा अमला अभी भी बाघ का लोकेशन लेने तन्मयता से जुटा हुआ है. सोमवार को रायपुर से वन विभाग के दो बड़े अधिकारी खैरागढ़ पहुंचे, जिनमें शासन की वन्य प्राणी शाखा के एपीसीसीएफ अनुप विश्वास और अरण्य भवन रायपुर से सीसीएफ व खैरागढ़ में बतौर वनमंडलाधिकारी पदस्थ रहे राजेश पांडेय उन जगहों पर पहुंचे जहां बाघ को देखा गया. दोनों अधिकारियों ने अलग-अलग टीम बनाकर बाघ के लोकेशन की जानकारी खंगाली और जरूरी निर्देश दिये.

बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने तिलईभाठ, गोपालपुर, घोंघेडबरी, अचानकपुर नवागांव, चिचोला, रूसे, जगन्नाथपुर व गुमानपुर गांव के आसपास के इलाकों का विजिट किया और मातहत अमले को आवश्यक निर्देश दिये. खासतौर पर सतर्कता बरतने व बाघ को किसी भी तरह का कोई नुकसान न पहुंचे इसका ख्याल रखने ताकिद किया गया है. जंगल से भटककर खैरागढ़ के ग्रामीण रिहायशी इलाकों के आसपास विचरण कर रहे बाघ की सोमवार को आखरी लोकेशन गुमानपुर के आसपास मिली है.

बताया जा रहा है कि गुमानपुर के 17 वर्षीय एक चरवाहे युवक ने बाघ को दूर से गुमानपुर के पास अरहर के खेतों की ओर जाते देखा है. यह घटना सोमवार की सुबह तकरीबन 10 बजे की बताई जा रही है. युवक से अधिकारियों ने विस्तृत चर्चा भी की है और उस इलाके का निरीक्षण भी किया है. उसके बाद से बाघ के कहीं पर भी कोई पदचिन्ह नहंी मिल रहे हैं और ऐसी आशंका की जा रही है कि बाघ करेला भवानी के रास्ते जंगल की ओर प्रवेश कर गया होगा. इससे पहले सुबह 7 बजे खपरी सिरदार के आसपास बाघ को देखे जाने की खबर मिल रही है. बाघ की खोजबीन के लिये वन विभाग का विशेषज्ञ अमला सघन गश्त में जुटा हुआ है.

वन अधिकारियों ने बताया कि सोमवार की पूरी रात वन विभाग की टीम बाघ की खोजबीन के लिये संभावित इलाकों में सघन गश्त करेगी वहीं इस दौरान आसपास के ग्रामीण इलाकों में मुनादी कराकर ग्रामीणों को एहतियात बरतने के निर्देश दिये गये हैं जिसमें किसी भी व्यक्ति को अकेले घर से निकलने मना किया गया है वहीं अपने मवेशियों को घर के बाहर नहीं रखने के भी निर्देश जारी किये गये हैं.
संभावना है कि बीते तीन-चार दिनों से बाघ भूखा है और कहीं पर भी शिकार की कोई खबर नहीं मिली है. ऐसे में प्रचण्ड संभावना है कि बाघ शिकार के लिये अग्रसर होगा वहीं यह भी संभावना व्यक्त की जा रही है कि बाघ वापस जंगल की ओर लौट जाये. बहरहाल राहत की बात यह है कि अब तक बाघ ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है.

बाघ के पदचिन्ह के आधार पर योजना बनाकर जानकारी एकत्र की जा रही है, सोमवार को बाघ की वास्तविक स्थिति को लेकर कोई पुष्ट जानकारी नहीं मिल पायी है. संभावना है कि बाघ जंगल की ओर वापस लौट गया होगा.
वीएन दुबे, वनपरिक्षेत्र अधिकारी खैरागढ़

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