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मवेशी तस्करी; वाहन पलटने से दो दर्जन पशुओं की मौत

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गैंदाटोला क्षेत्र के बूचाटोला-मातेखेड़ा रोड पर हादसा, आरोपी वाहन चालक सहित तस्कर फरार
राजनांदगांव/गैंदाटोला/छुरिया(दावा)।
छुरिया-गैंदाटोला के वनांचल से पशुओं को वाहनों में भरकर महाराष्ट्र स्थित कत्लखाना पहुंचाने का अवैध कारोबार बेखौफ चल रहा है, इसकी पुष्टि आज उस दौरान हो गई, जब मवेशियों से भरा आयशर वाहन मोड़ पर अनियंत्रित होकर खेत में जाकर पलट गया, जिससे उसमें भरे करीब दो दर्जन मवेशियों की अकाल मौत हो गई और आधा दर्जन पशु गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा गैंदाटोला के समीपस्थ ग्राम सीताकसा मोड़ से बूचाटोला रोड पर लमसेना पाठ पहाड़ी के पास शनिवार की दरमियानी रात को हुई। हादसे के बाद वाहन में सवार पशु तस्कर मौके से भाग निकले।
पुलिस एवं ग्रामीण सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मवेशियों से भरे आयशर वाहन क्रमांक एमएच 04 जेके 5256 आज तड़के तीन-चार बजे मातेखेड़ा गांव के पास अनियंत्रित होकर पलट गया। इस घटना में 23 मवेशियों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं छह मवेशी घायल हैं। मवेशियों को वाहन में ठूंस कर महाराष्ट्र कत्लखाना ले जाया जा रहा था। रास्ते में सीताकसा से बूचाटोला रोड पर पहाड़ी के पास वाहन अनियंत्रित होकर एक खेत में जाकर पलट गया। वाहन के चारों पहिए ऊपर हो गए, जिसके कारण उसमें भरे अधिकांश मवेशियों की दबने से मौत हो गई। हादसे में छह मवेशी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। सूचना पर गैंदाटोला पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और जेसीबी बुलवाकर पलटे हुए वाहन को सीधा कराकर मवेशियों को निकलवाया। वाहन में भरे करीब 24 पशुओं की मौत हो चुकी थी, जबकि आधा दर्जन मवेशी गंभीर रूप से मार लगने के कारण दर्द से तडफ़ रहे थे। पुलिस द्वारा घटना स्थल से कुछ दूरी पर पहाड़ी के पास जेसीबी से गड्ढा खुदवाकर मृत पशुओं को दफनाया गया। इस दौरान आसपास के ग्रामीणों की भी मौजूदगी रही। पुलिस इस मामले में वाहन चालक सहित अज्ञात पशु तस्करों के खिलाफ अपराध दर्ज कर जांच कर रही है।

नहीं थम रहा जिले से तस्करी का मामला
तस्करों द्वारा जिले के रास्ते से बड़ी संख्या में मवेशियों की तस्करी कर महाराष्ट्र स्थित कट्टीपार ले जाने का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। सूत्रों के अनुसार जिले के कल्लूबंजारी, छुरिया, गैंदाटोला, डोंगरगांव, अंबागढ़ चौकी, चिल्हाटी, मोहला-मानपुर, औंधी सहित खैरागढ़, छुईखदान, गंडई, बकरकट्टा, गातापार, डोंगरगढ़, बोरतलाव के अंदरूनी क्षेत्रों से मवेशियों को पैदल हकालते और मालवाहकों में भरकर कत्लखाना पहुंचाया जाता है। इसके पूर्व भी छुरिया-गैंदाटोला क्षेत्र के अंदरूनी इलाकों से पशुओं की तस्करी के मामले सामने आते रहे हैं।

गैंदाटोला से महाराष्ट्र का इलाका लगा हुआ है। बताया जाता है कि डोंगरगांव क्षेत्र के ग्राम आतरगांव, चिचदो, जंतर आदि गांवों के कुछ लोग लंबे समय से मवेशी तस्करी का कारोबार करते आ रहे हैं। आतरगांव में एक ऐसा ठिकाना भी है, जहां पर विभिन्न जगहों के बाजार से कमजोर हो चुके मवेशियों को खरीद कर लाया जाता है, फिर एक-दो दिनों के अंतर से मालवाहकों में भरकर महाराष्ट्र स्थित कत्लखाना पहुंचाया जाता है। वाहनों को कल्लूबंजारी होते आटरा-भकुर्रा के रास्ते से ककोड़ी-महाराष्ट्र पहुंचाया जाता है, जहां पर तस्करों के सहयोगी लोग पहले से मौजूद रहते हैं। इस तरह महाराष्ट्र सीमा पर छग के वाहनों से मवेशियों को पहुंचाकर छोड़ दिया जाता है, जिन्हें कत्लखाना तक पहुंचाने का काम महाराष्ट्र के स्थानीय तस्कर लोग करते हैं। चूंकि गैंदाटोला महाराष्ट्र सीमा से लगा होने के साथ ही पूरा क्षेत्र नक्सल प्रभावित है, इसलिए शाम ढलने के बाद क्षेत्र में लोगों की आवाजाही कम हो जाती है और पुलिस जवान भी शाम के बाद थाने से बाहर नहीं निकलते। इन बातों का फायदा तस्करों द्वारा उठाया जा रहा है।

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