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मकर संक्रांति पर बन रहा पंचग्रही का दुर्लभ योग

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साल में कुल 6 स्नान पर्व जिनमें 4 गुरुवार को बरसेगी बृहस्पति देव की कृपा
राजनांदगांव (दावा)।
इस बार मकर संक्रांति पर पंचग्रही योग बन रहे है। 14 जनवरी को संक्रांति के समय सूर्य, चंद्रमा, बुध, गुरु और शनि पांचों ग्रहों का यह दुर्लभ योग बनेगा। इसके अलावा माघ मेले के स्नान को लेकर भी अनोखा संयोग बना है। दरअसल, माघ मेला के छह स्नान पर्व में चार स्नान पर्व गुरुवार को ही पड़ रहे है। ज्योतिषाचार्य पंडित डॉ. देवव्रत शर्मा ने बताया कि इस साल मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी गुरुवार को पड़ रहा है। इस दिन माघ मेले का पहला स्नान है। यह लोगों के लिए शुभकारी साबित होगा।

6 में चार स्नान पर्व गुरुवार को
पंडित शर्मा ने बताया कि माघ मेले का पहला स्नान 14 जनवरी को पड़ रहा है। जो गुरुवार को मकर संक्रांति के साथ शुरू हो जाएगा। इसके अलावा 28 जनवरी के पौष पूर्णिमा, 11 फरवरी के मौनी अमावस्या और 11 मार्च का महाशिवरात्रि भी गुरुवार को ही पड़ रहा है। वहीं16 फरवरी का वसंत पंचमी मंगलवार को और 27 फरवरी के माघी पूर्णिमा शनिवार को पडऩे वाली है। इस तरह से कुल मिलाकर देखा जाए तो 6 में से चार स्नान पर्व गुरुवार को पड़ रहे है।

गुरु पुण्ययोग व श्रवण नक्षत्र का योग
14 जनवरी को पडऩे वाले मकर संक्रांति और 11 फरवरी को पडऩे वाले मौनी अमावस्या, दोनों स्नान पर्व में गुरु पुण्ययोग व श्रवण नक्षत्र का योग नजर आ रहा है। जैसा कि ज्ञात हो श्रवण नक्षत्र के स्वामी श्री हरि विष्णु को कहा जाता है।

बृहस्पति महामारी व अनिष्ट शक्तिओं को करेगा नष्ट
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बृहस्पति महामारी व अनिष्टकारी शक्तिओं को नष्ट करने के लिए जाना जाता है। यही नहीं जिनकी कुंडली में बृहस्पति उच्च होता है, वे मनुष्य जीवन में सफलताएं पाते है।

कोरोना का असर होगा समाप्त
ज्योतिष विशेषज्ञों की मानें तो गुरुवार को पडऩे वाले चारों प्रमुख स्नान पर्व में बृहस्पति की कृपा रहेगी, विश्व में कोरोना महामारी का असर समाप्त होगा। फिलहाल भारत सहित पूरा विश्व कोरोना महामारी से ग्रस्त है। उम्मीद की जा रही है कि इस साल इस बीमारी की समस्या पूरे विश्व से समाप्त हो जाएगी।

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