महुआढार बेस कैंप में तीन घंटे तक चली गोलियां
खैरागढ़(दावा)। नक्सल प्रभावित गातापार जंगल क्षेत्र के महुआढार बेस कैम्प में जवानों के द्वारा की गई फायरिंग से क्षेत्र के ग्रामीण दहशत में आ गये थे. अलसुबह तकरीबन तीन घंटे तक चली फायरिंग के कारण गोलियों की आवाज सुनकर ग्रामीण नक्सली मुठभेड़ की आशंका व्यक्त करते हुये सहम गये और लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया.
सुबह से घर में ही दुबककर बैठे ग्रामीण दोपहर बाद निकले जब उन्हें पता चला कि फायरिंग बेस कैम्प के जवानों के द्वारा अभ्यास के दौरान की गई. मामले को लेकर एसडीओपी जीसी पति ने बताया कि 21वीं बटालियन के 102 सीएएफ के जवानों ने फायरिंग मूवमेंट की जिसके लिये अनुविभागीय दंडाधिकारी से अनुमति प्राप्त की गई थी.
खबर है कि जवानों के फायरिंग की आवाज सुनकर ग्रामीण भ्रमित हो गये थे और ऐसा लगने लगा था कि नक्सलियों के साथ जवानों की मुठभेड़ हो गई है और यह खबर जंगल से निकलकर आग की तरह फैल गई. गातापार महुआढार बेस कैम्प से कटेमा, लक्षणा व गाडाघाट तकरीबन 15 से 20 किमी दूर है और फायरिंग की आवाज इतनी तेज थी कि यहां तक भी गोलियों की आवाज ग्रामीणों को सुनाई दी. सुबह का समय होने की वजह से आवाज गूंजते हुये लगभग 15 से 20 किमी तक पहुंच गई जिससे गातापार क्षेत्र के ग्रामीण भी दहशत में आ गये थे. ग्रामीणों ने बताया कि सुबह साढ़े छह बजे से ही गोलियों की आवाज सुनाई देने लगी जो तकरीबन नौ बजे तक चलती रही. खबर है कि साल में एक बार जवानों के द्वारा इस तरह का अभ्यास किया जाता है.
जवानों के द्वारा फायरिंग मूवमेंट किया गया था जिसके लिये प्रशासन से अनुमति ली गई थी और पूरी सावधानी के साथ मूवमेंट हुआ है. – जीसी पति, एसडीओपी खैरागढ़