- दूसरों ग्रहों पर जीवन की तलाश कर रहे वैज्ञानिकों को हाल ही में एक नए ग्रह की मौजूदगी के संकेत मिले हैं। सी1 नामक यह ग्रह पृथ्वी से तकरीबन 4.4 प्रकाशवर्ष की दूरी पर है। वहीं संभावित रूप से इस ग्रह का रेडियस पृथ्वी की तुलना में 5 से 7 गुना ज्यादा और मास 20-50 गुना ज्यादा हो सकता है। बताया जा रहा है कि सी1 अल्फा सेंचुरी स्टार सिस्टम का हिस्सा है। इस स्टार सिस्टम में अल्फा सेंचुरी ए, बी और प्रॉक्सिमा सेंच्युरी शामिल हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ ऐरिजोना की स्टूवर्ड ऑब्जर्वेटरी के नासा हबल फेलोशिप प्रोग्राम के केविन वेगनर के अनुसार, ‘अगर सी1 में सच में एक ग्रह निकला तो इसका चक्कर काट रहे चांट की खोज करने में मजा आएगा। क्योंकि ऐसे चट्टानी चांद पर जीवन की संभावना ज्यादा होती है। हालांकि हम मिड-इन्फ्रारेड एग्जोप्लैनेट इमेजिंग के नए सिस्टम और चिली के वेरी लार्ज टेलीस्कोप की मदद से सिर्फ सी1 की चमक और उसकी स्थिति का ही अंदाजा लगा पाए हैं। उसके आधार पर अगर हम यह मानें कि सी 1 एक ग्रह है, तो इसकी कक्षा, रेडियस की रेंज और तापमान की रेंज निकाली जा सकती है। रेडियस और तापमान इसकी चमक तय करते हैं। वहीं कक्षा का भी अंदाजा लगाया जा सकता है क्योंकि नजदीकी कक्षा होने पर तापमान ज्यादा होता है।
यह ग्रह है या नहीं इसकी पुष्टि करने के लिए फिर से करेंगे जांच
वैज्ञानिकों की टीम ने साल 2019 में एक महीने में 100 घंटे तक अल्फा सेंचुरी को ऑब्जर्व किया था। इसके साथ ही अल्फा सेंचुरी की 50 लाख से ज्यादा तस्वीरें भी लीं थी। लेकिन इस डेटा से पहले से मिलीं जानकारियाें से हटकर पाया कि सी1 वरुण और शनि के बीच के आकार का ग्रह हो सकता है। लेकिन वैज्ञानिक इसकी पुष्टि करने के लिए इसे फिर से ऑब्जर्व करेंगे और इसकी पोजिशन की जांच भी करेंगे। ऑब्जर्वेशन में अगर यह कक्षा के आकलन में सटीक बैठता है तो इसके ग्रह होने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।