चेन्नई की दूसरे टेस्ट मैच की पिच पर स्थायी बल्लेबाज ही रन नहीं बना पा रहा है ऐसे में एक ऑलराउंडर पिच पर आकर अर्धशतक बना देता है तो उसकी जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है।
दिलचस्प बात तो यह है कि विराट कोहली जैसा विश्व स्तरीय बल्लेबाज इस पिच पर संघर्ष करके 50 रन बनाता है वहीं रविचंद्रन अश्विन उनसे कहीं तेज अर्धशतक बनाते हैं। इसमें आश्चर्य की बात होनी भी नहीं चाहिए क्योंकि अश्विन चेन्नई के रहने वाले हैं और इस पिच को भली भांति जानते हैं।
रविवार को अश्विन ने गेंद से कमाल दिखाया तो सोमवार को अश्विन ने बल्ले से इंग्लैंड को विकेट के लिए तरसाया। गौरतलब है कि दूसरे दिन की अश्विन की करिश्माई गेंदबाजी के कारण इंग्लैंड 134 रनों पर आउट हो गई थी। आर अश्विन ने 24 ओवर में 43 रन देकर 5 विकेट लिए। अश्विन ने इंग्लैंड के शीर्ष बल्लेबाजों जैसे कि सिबली, लॉरेंस, स्टोक्स, स्टोन और ब्रॉड के विकेट झटके।
वहीं आज तीसरे दिन उन्होंने अक्षर पटेल के आउट होने के बाद बल्लेबाजी शुरु कि तो ऐसा लगा कि अश्विन अलग पिच पर खेल रहे हैं और दूसरे बल्लेबाज अलग पिच पर। 106 रन पर भारत ने अपना सांतवा विकेट गंवाया और अश्विन अब तक 9 चौकौे के साथ 103 गेंदो में 68 रन बनाकर क्रीज पर डटे हुए हैं।
यही नहीं दूसरी पारी में वह भारत के टॉप स्कोरर भी हैं। इस बात से ही पता चलता है कि इस पिच को उनसे अच्छा और कोई नहीं जानता । इंग्लैंड की दूसरी पारी में भी अगर वह कमाल की गेंदबाजी कर जाते हैं तो (जिसकी पूरी संभावना है) वह मैन ऑफ द मैच के हकदार बन जाएंगे।
आर अश्विन ने 6 बार एक ही टेस्ट में 50 रन बनाने और 5 लेने का कारनाम किया है। वह इस फहरिस्त में कपिल देव, जड़ेजा और वेस्टइंडीज के एम मार्शल से आगे हैं, जिन्होंने यह कारनाम 4 और 5 बार क्रमश किया है। आर अश्विन से आगे सिर्फ दो नाम हैं। बांग्लादेश के ऑलराउंडर शाकिब अल हसन ने टेस्ट क्रिकेट में ऐसा 9 बार किया है। जबकि इंग्लैंड के पूर्व ऑलराउंडर इयान बॉथम ने 11 बार टेस्ट में 50 रन बनाने के साथ 5 विकेट झटके हैं।
साल 2011 में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत कर चुके आर अश्विन ने अब तक 75 मैचों में 2507 रन बनाए हैं जिसमें 4 शतक और 11 अर्धशतक शामिल हैं। वहीं टेस्ट क्रिकेट में 20 हजार से ज्यादा गेंद डालकर वह 25 की औसत से 391 विकेट प्राप्त कर चुके हैं। उनका अगला लक्ष्य निश्चित ही 400 टेस्ट विकेट पूरे करने का होगा।