भोपाल। देश में सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल बिकने वाले राज्य मध्यप्रदेश में महंगाई की मार से आम आदमी परेशान है। पेट्रोल-डीजल के लगातार बढ़ते दामों का असर आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है। एक साल में डीजल के दाम 20 रुपए से अधिक प्रति लीटर बढ़ने के बाद अब प्रदेश को लोगों को जल्द में बस में सफर करने पर ज्यादा किराया चुकाना पड़ेगा। बस ऑपरेटर एसोसिएशन की लगातार मांग पर अब सरकार ने किराया बढ़ाने की तैयारी कर ली है और किराया बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया अब इस पर अंतिम मोहर लगना बाकी है।
दरअसल डीजल के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के साथ बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने एक बार फिर सरकार से किराया बढ़ाने की मांग तेज कर दी है। बस ऑपरेटरों की लगातार होती मांग के बाद अब सरकार ने भी किराया बढ़ाने की हरी झंडी दे दी है। परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि बस ऑपरेटरों की मांग पर सरकार विचार कर रही है लेकिन किराए में कितनी बढ़ोत्तरी होगी इसका निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंग।
बस ऑपरेटर योगेश कहते हैं कि आखिरी बार 2018 में बस किराए में बढ़ोत्तरी की गई थी लेकिन उसके बाद डीजल के दाम करीब 40 फीसदी तक बढ़ चुका है ऐसे में अब जब डीजल के दाम 90 रुपए के पास तक पहुंच गया है तो उनको बसों के संचालन में बड़ा नुकसान हो रहा है,ऐसे में सरकार को तत्काल बस किराए में 50 फीसदी की बढ़ोत्तरी करनी चाहिए।
30 फीसदी बढ़ चुका है मालभाड़ा-वहीं डीजल के दाम बढ़ने से पहले ही ट्रक ऑपरेटरों ने मालभाड़ा बढाने का एलान कर दिया
है। डीजल के दाम 90 रुपए तक पहुंचने के साथ ही ट्रक ऑपरेटरों ने मालभाड़ा 25 से 30 फीसदी तक बढ़ा दिया है। मालभाड़ा बढ़ने का असर यह हुआ है कि फल,सब्जियों के दाम के साथ अब आम आदमी की रोजमर्रा की जरुरत का हर समान महंगा हो गया है।