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बाजार दर पर रायल्टी वसूली तो ठेकेदार बंद कर देंगे काम

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राजनांदगांव(दावा)। प्रदेश सरकार द्वारा ठेकेदारों पर बाजार दर से रायल्टी वसूली व अन्य कानून लाद दिये जाने से समस्त ठेकेदारों में हाहाकार मंच गया है। सरकार के इस नये कानून से छोटे से लेकर बड़े ठेकेदार त्राहिमाम कर रहे है। ठेकेदारों की गाढ़ी कमाई पर इतनी कटौती हो रही है कि ठेकेदारों में हाय-तौबा मची हुई है और वे पूरे प्रदेश भर में एकजुट होकर प्रदेश कांग्रेस सरकार के इस फैसले का विरोध करने तैयार हो गये है।
आज होटल अवाना में हुई प्रेसवार्ता में छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर एसोसियेशन रायपुर के प्रदेश अध्यक्ष वीरेश शुक्ला ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गौण खनिज रायल्टी की राज पत्र में प्रकाशित दरंे एवं बाजार दर के द्वारा निर्माण ठेकेदारों से की जा रही कटौती पूर्णत: अव्यवहारिक है जो ठेकेदारों द्वारा स्वीकार्य नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष श्री शुक्ला ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार रायल्टी दरों में कटौती वाले फरमान को वापिस नहीं लेती तो प्रदेश भर के समस्त ठेकेदार सभी सरकारी निर्माण कार्यों से अपना हाथ खीच लेगे और समस्त निर्माण कार्य बंद कर दिया जाएगा।
जिला कान्ट्रेक्टर एसोसियेशन के अध्यक्ष संजय सिंघी ने कहा कि नगर निगम के अधिकारियों, महापौर, पार्षदों आदि के कहने पर भी ठैकेदार बगैर टेंडर के कोई कार्य न करे तथा शासन के आदेश के तहत बगैर रायल्टी पर्ची के उनसे कोई कार्य न करने की बात करे। प्रेसवार्ता में उपस्थित जिला महासचिव आलोक बिन्दल, जिला उपाध्यक्ष सुरेन्द्र पांडेय, केपी मिश्रा, प्रदीप सिंघल, सुरेश मिश्रा, अताउल्लाखान सहित बड़ी संख्या में कान्ट्रेक्टरों की उपस्थिति में प्रदेश अध्यक्ष श्री शुक्ला ने बताया कि ठेकेदारों के उपर गिराए गये शासन की कटौती का गाज के सन्दर्भ में सम्बंधित मंत्रालय के अधिकारियों व विभाग प्रमुखों सहित शासन का ध्यान आत्कृष्ट किया जा चुका है। वे संघ के चार मुद्दे लेकर शासन से इसकी निदान की मांग कर रहे है यदि सरकार द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो प्रदेश भर के समस्त ठेकेदार प्रदेश भर में चल रहे निर्माण कार्यों से अपना हाथ खीचने मजबूर हो जाएगें। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि विकास प्रदेश शासन के प्रमुख एजेन्डे में है उसे हम बाधित नहीं करना चाहते लेकिन बाजार दर वापिस नहीं होगी तो प्रदेश के समस्त ठेकेदार लामबंद होकर काम बंद करने बाध्य हो जाएंगे।
श्री शुक्ला ने इस सम्बंध में कल 22 फरवरी को रायपुर में प्रेसवार्ता लिए जाने की बात कही, इसके बाद अपनी मांगों को लेकर छ.ग. कान्ट्रेक्टर एसोसिएशन हरकत में आ जाएगी। प्रेसवार्ता में बताया कि वर्तमान समय में रेत गिट्टी पत्थर मुरूम आदि अगर बाजार दर से कटौती की जाएगी तो ठेकेदारों के द्वारा निर्माणाधीन कार्यों का घर बेच कर भुगतान करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि उपरोक्त चीजों के बढ़े हुए दामों व लेबर चार्ज, सीमेंट व विभागीय व्यवस्था में शिष्टाचार सहित इन तमाम कटौती के बाद ठेकेदार को 5 वर्ष तक रख रखाव करना होता है। इस प्रकार कटौती छत्तीसगढ़ के वर्तमान शासन द्वारा की गई है। इस परिस्थिति में ठेेकेदारों से निर्माण करना संभव नहीं है। संघ के 4 सूत्रीय मांग को उद्घृत करते हुए उन्होंने कहा कि संघ का शासन से अनुरोध है कि अतिरिक्त सुरक्षा निधि की राशि को थर्ड चेकिन में लाना अनिवार्य न किया जाए। बस्तर परिक्षेत्र में लागू 50 लाख तक के निर्माण कार्य में मेनुवल टेंडर के नियम को दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर एवं अम्बिकापुर परिक्षेत्र में लागू किया जाए। नगर पालिक निगम में रायल्टी विभाग द्वारा काटी जाए तथा लंबित भुगतान तत्काल रिलीज की जाए। कहा गया कि कांट्रेक्टर ऐसोसियेशन संघ की उपरोक्त मांगे यदि शासन द्वारा नहीं मानी गई तो प्रदेश भर में समस्त ठेकेदारों द्वारा निर्माण कार्य बंद किया जाना तय है।

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