नई दिल्ली। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को लोकसभा में नई वाहन कबाड़ नीति की घोषणा की। जानिए क्या है स्क्रैप पॉलिसी और इसके फायदे…
क्या है स्क्रैप पॉलिसी: सरकार की स्क्रैप पॉलिसी से केंद्र सरकार, राज्य सरकार, नगरपालिका या सार्वजनिक संस्थानों के वाहन 15 साल, कमर्शिअल वाहन 15 साल और प्राइवेट वाहन 20 साल बाद डी-रजिस्टर हो जाएंगे। इसके बाद इन्हें स्क्रैप भी कर दिया जाएगा। इस नीति के दायरे में 20 साल से ज्यादा पुराने लगभग 51 लाख हल्के मोटर वाहन और 15 साल से अधिक पुराने 34 लाख अन्य एलएमवी आएंगे।
स्क्रैप पॉलिसी के फायदे
पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग से देश में वाहन बिक्री को भी बढ़ावा मिलेगा, जो वाहन उद्योग को बढ़ाएगा।
-स्क्रैप ऐसी विन-विन पॉलिसी होगी जिससे आम आदमी को ज्यादा फायदा होगा।
-स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट दिखाने पर नई गाड़ी पर 5 फीसदी छूट मिलेगी।
-नई गाड़ी के रजिस्ट्रेशन के वक्त रजिस्ट्रेशन फीस माफ कर दी जाएगी।
स्क्रैपिंग के लिए आपको डीलर के पास आपको गाड़ी का आरसी और अपना आधार कार्ड दिखाना होगा।
-प्रदूषण कम होगा और पेट्रोल-डीजल पर होने वाले खर्च में कमी आएगी।-प्लास्टिक, स्टील और तांबे जैसी रिसाइक्लिंग सामग्री का दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।
-इससे वाहनों की लागत कम हो सकती है।
-इस पॉलिसी के दम पर भारत अगले 5 सालों में ऑटोमोबाइल सेक्टर 10 लाख करोड़ रुपए का होने की उम्मीद।
-जब लोग पुरानी गाड़ियां स्क्रैप करेंगे और नई गाड़ियां खरीदेंगे तो इससे सरकार को सालाना करीब 40 हजार करोड़ का जीएसटी मिलेगा।