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केजरीवाल बोले, जब तक काले कानून रद्द नहीं होते, हम चैन से नहीं बैठेंगे

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बाघापुराना। रविवार को बाघापुराना में आम आदमी पार्टी के किसान महासम्मेलन को आप के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संबोधित किया। सम्मेलन की शुरुआत में किसान आंदोलन में शहीद हुए 282 किसानों की तस्वीरों पर फूल अर्पण किए गए और उनके लिए 2 मिनट का मौन रखा गया। महासम्मेलन में आए लाखों लोगों को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कह कि मैं यहां पंजाब के किसानों को सलाम करने आया हूं। सबसे पहले केंद्र की मोदी सरकार के काले कृषि कानूनों का विरोध पंजाब के किसानों ने ही किया। पंजाब की धरती वीरों की धरती है। जब भी देश में कोई अन्याय हुआ तो पंजाब के लोगों ने हमेशा उस अन्याय के खिलाफ लड़ा और कुर्बानियां दीं। आज भी जब केंद्र की मोदी सरकार ने जब तानाशाही तरीके से काले कानून लेकर आई, तो पंजाबियों ने ही इन काले कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया।

आज बीजेपी को पूरे देश के लोग खारिज कर रहे हैं। गुजरात सूरत में जो भाजपा का गढ़ है, वहां आम आदमी पार्टी ने बीजेपी से 27 सीटें छीन लीं। पूरे देश में मैं जहां भी गया, लोगों ने मुझसे कहा कि हम किसानों के साथ हैं। किसान आंदोलन का समर्थन करने के कारण मोदी सरकार को आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार को परेशान कर रही है। मोदी सरकार ने संसद से कानून बनाकर दिल्ली सरकार की सभी शक्तियों को हड़पना चाहती है। नए कानून के तहत सभी शक्तियों को मुख्यमंत्री से छीनकर एलजी को दिया जाएगा। बीजेपी दिल्ली सरकार को गूंगी सरकार बनाना चाहती है जिसे हम होने नहीं देंगे।

उन्होंने कहा कि जब पंजाब के किसान दिल्ली जा रहे थे तो रास्ते में किसानों पर तमाम तरह के अत्याचार हुए लेकिन वे दिल्ली की ओर बढ़ते रहे। जब किसान दिल्ली की सीमा पर पहुंचे, तो मोदी सरकार ने दिल्ली के बड़े स्टेडियमों को जेल में तब्दील कर किसानों को उसमें बंद करने की साजिश रची। लेकिन यह सौभाग्य था कि मोदी सरकार के पास स्टेडियमों को जेल में बदलने की शक्ति नहीं थी, वह शक्ति हमारी दिल्ली सरकार के पास थी। जब मोदी सरकार ने मुझे स्टेडियमों को जेलों में बदलने के लिए पुलिस के माध्यम से फाइल भेजी, तो हमने ऐसा करने से साफ इंकार कर दिया। हम पर काफी दबाव डाला गया, लेकिन हमने हार नहीं मानी। मोदी सरकार को जवाब देते हुए मैंने फाइल पर लिखा कि किसानों का आंदोलन शांतिपूर्ण है, उनकी मांग जायज है और उन्हें स्वीकार किया जाना चाहिए। इसीलिए मोदी सरकार संसद के माध्यम से नया कानून लाकर दिल्ली की सारी शक्तियां उपराज्यपाल को सौंपना चाहती है।

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के विधायक, सांसद और कार्यकर्ता बिना पार्टी के प्रतीक के एक सेवादार की तरह किसानों की सेवा की। दिल्ली सरकार ने आंदोलन स्थल पर पेयजल, शौचालय और लंगर की व्यवस्था की। मोबाइल नेटवर्क न होने के कारण किसानों को गांव में बात करना मुश्किल हो रहा था, फिर हमने वाईफाई की व्यवस्था की। एक दिन जब मैं स्वयं सिंघू बॉर्डर पर किसानों से मिलने जा रहा था तो केंद्रीय गृह मंत्रालय के इशारे पर दिल्ली पुलिस ने मुझे घर पर ही नजरबंद कर दिया।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के मंत्री और भाजपा नेता किसानों को खालिस्तानी और आतंकवादी बोलकर आंदोलन की छवि को धूमिल करने की कोशिश की। आम आदमी पार्टी ने 70 से ज्यादा भाजपा नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए है जिन्होंने किसानों को बदनाम करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि पिछले 70 वर्षों से सत्ता में रही पार्टियों ने किसानों के साथ धोखा किया है। वोट प्राप्त करने के लिए इन दलों ने किसानों का ऋण माफ करने और रोजगार देने का वादा किया, लेकिन जब वे सत्ता में आए तो अपने वादे भूल गए। अगर इन तीन कानूनों को लागू किया गया तो किसानों के पास कुछ भी नहीं बचेगा, किसानों की जमीन मोदी के पूंजीवादी मित्रों के पास चली जाएगी। हम पंजाब के लोगों को बताना चाहते हैं कि हम पूरी तरह से किसानों के साथ हैं। जब तक सरकार तीनों काले कानून वापस नहीं लेती, आम आदमी पार्टी शांत नहीं बैठेगी।

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