टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली बल्लेबाज उच्च कोटि के हैं इस कारण उनकी कप्तानी कमतर नजर आती है। उनके गलत फैसले मीडिया और फैंस जल्दी पकड़ लेते हैं और उसकी आलोचना भी बहुत होती है।
कल भी पंत की जगह राहुल को खिलाने का फैसला और सूर्यकुमार यादव को मौका न देने का निर्णय कई क्रिकेट विशेषज्ञों के गले नहीं उतरा लेकिन जैसे जैसे मैच आगे बढ़ा उनकी शिकायतें दूर होती गई। विराट कोहली ने न केवल बल्ले से बल्कि कप्तानी से टीम इंडिया को जीत का मंगलवार दिया।
वहीं स्मृति मंधाना तो भारत की सलामी बल्लेबाज हैं और कप्तानी का अनुभव उन्हें अभी अभी मिला है क्योंकि हरमतप्रीत कौर टी-20 सीरीज के लिए फिट नहीं थी। स्मृति ने भी चालाक कप्तानी का मुजायरा किया और बल्ले से भारतीय टीम को क्लीन स्वीप की शर्मिंदगी से बचा लिया। आइए जानते हैं कि कल के दोनों मैच में क्या घटित हुआ।
कोहली ने लगाया अर्धशतक, टीम इंडिया पहुंची 300 पार
खराब फॉर्म के कारण दबाव में चल रहे शिखर धवन के 98 रन और अंतरराष्ट्रीय एक दिवसीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले कृणाल पंड्या के आक्रामक अर्धशतक की मदद से भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले मैच में मंगलवार को पांच विकेट पर 317 रन बनाये।
धवन और विराट कोहली ने दूसरे विकेट के लिये 105 रन की साझेदारी की। इसके बाद कृणाल और के एल राहुल ने नाबाद साझेदारी करके 57 गेंद में 112 रन जोड़े। कोहली ने 60 गेंद में 56 जबकि राहुल ने 43 गेंद में नाबाद 62 रन बनाये । कृणाल 31 गेंद में 58 रन बनाकर नाबाद रहे।
धवन ने 106 गेंद की अपनी पारी में 11 चौके और दो छक्के जड़े जबकि कृणाल ने सात चौके और दो छक्के लगाये। टी20 श्रृंखला में लय हासिल करने के लिये जूझते रहे राहुल ने भी खुलकर खेला।
पहले बल्लेबाजी के लिये भेजे जाने पर रोहित शर्मा (42 गेंद में 28 रन) और धवन ने पहले विकेट के लिये 64 रन जोड़े। धवन ने सातवें और राोहित ने नौवे ओवर में लगातार दो चौके लगाये।
टी20 टीम में अपनी जगह गंवा चुके धवन के कैरियर को मानों इस पारी से संजीवनी मिल गई। भारत का स्कोर 15 ओवर के बाद बिना किसी नुकसान के 64 रन था लेकिन रोहित को बेन स्टोक्स ने विकेटकीपर जोस बटलर के हाथाों लपकवाकर भारत को पहला झटका दिया।
इसके बाद कोहली क्रीज पर आये और 17वीं गेंद पर पहला चौका लगााया। उधर धवन ने 68 गेंद में अर्धशतक पूरा किया। उन्हें एक जीवनदान भी मिला जब आदिल रशीद की गेंद पर डीप मिडविकेट में मोईन अली ने उनका आसान कैच छोड़ा।
कोहली और धवन ने 29वें ओवर में मोईन अली को नसीहत देते हुए 15 रन लिये। कोहली ने अपना 61वां वनडे अर्धशतक 50 गेंद में पूरा किया । वह मार्क वुड की गेंद पर डीप में कैच देकर लौटे ।विराट ने 60 गेंदों पर 56 रन में छह चौके लगाए। वहीं धवन को स्टोक्स ने इयोन मोर्गन के हाथों मिडविकेट पर लपकवाया । हार्दिक पंड्या (एक) भी स्टोक्स का शिकार बने।आखिरी 10 ओवरों में कृणाल और राहुल ने आक्रमक बल्लेबाजी करते हुए 112 रन बटोरे और टीम इंडिया को 317 रनों के विशाल लक्ष्य तक पहुंचाया।राहुल ने 43 गेंदों पर नाबाद 62 रन में चार चौके और चार छक्के लगाए, जबकि क्रुणाल ने 31 गेंदों पर नाबाद 58 रन में सात चौके और दो छक्के लगाए।
लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड ने शानदार शुरुआत की और पहले विकेट के लिए 135 रन जोड़ डाले। पदार्पण मैच खेलने उतरे प्रसिद्ध कृष्णा ने रॉय को स्थानापन्न खिलाड़ी सूर्यकुमार यादव के हाथों कैच कराकर भारत को पहली सफलता दिलाई। रॉय ने 35 गेंदों पर 46 रन में सात चौके और एक छक्का लगाया। बेन स्टोक्स मात्र एक रन बनाकर कृष्णा का दूसरा शिकार बने।
इंग्लैंड का तीसरा विकेट 169 के स्कोर पर गिरा जब ठाकुर ने बेयरस्टो को कुलदीप यादव के हाथों कैच करा दिया। बेयरस्टो का आउट होना था कि इंग्लैंड के बल्लेबाजों का धैर्य जवाब दे गया। इसके बाद तो इंग्लैंड के बल्लेबाज अपने विकेट गंवाते चले गए। जोस बटलर मात्र दो रन बनाकर ठाकुर की गेंद पर पगबाधा हो गए।कप्तान इयोन मॉर्गन ने 22 रन बनाये और उनका शिकार शार्दुल ठाकुर ने किया।
ऑफ स्पिनर मोईन अली ने इंग्लैंड की तरफ से ओपनरों के बाद तीसरे सर्वाधिक 30 रन बनाये। सैम बिलिंग्स ने 18 रन बनाये जबकि सैम करेन ने 12 और टॉम करेन ने 11 रन बनाये। भुवनेश्वर ने आदिल राशिद को आउट कर इंग्लैंड की पारी का नौंवां विकेट निकाल दिया जबकि कृष्णा ने 43वें ओवर की पहली गेंद पर टॉम करेन को आउट कर इंग्लैंड को शर्मनाक हार झेलने के लिए मजबूर कर दिया।
शेफाली और स्मृति की विस्फोटक पारियों से भारत नौ विकेट से जीता
शेफाली वर्मा (60) और कप्तान स्मृति मंधाना (48 नाबाद) के बीच 96 रनों की विस्फोटक साझीदारी की बदौलत भारतीय महिला टीम ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हार के सिलसिले को तोड़ते हुये टी-20 श्रृखंला का तीसरा और अंतिम मुकाबला नौ विकेट से जीत लिया।
अटल बिहारी वाजपेयी इकाना अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम पर मंगलवार को भारतीय लड़कियों ने गेंद और बल्ले से बेहतरीन प्रदर्शन करते हुये मेहमान टीम को हर विभाग में बौना साबित कर दिया। राजेश्वरी गायकवाड़ (नौ रन पर तीन विकेट) ने घातक गेंदबाजी का मुजाहिरा करते हुये साथी गेंदबाजों की मदद से दक्षिण अफ्रीका को सात विकेट पर 112 रनो पर रोक दिया जबकि बाद में शेफाली और स्मृति ने धुआंधार बल्लेबाजी का प्रदर्शन करते हुये जीत के लक्ष्य को 11 ओवर में एक विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया।
शेफाली ने मात्र 30 गेंदो की पारी में 200 के स्ट्राइक रेट से 60 रन ठोके जिसमें उनके सात चौके और पांच छक्के शामिल है वहीं स्मृति ने दूसरे छोर से 28 गेंदो पर 48 रन बनाकर टीम को विजयश्री दिलायी। उन्होने अपनी नाबाद पारी में नौ बार गेंद को सीमारेखा के पार पहुंचाया।
इसी मैदान पर पहले एक दिवसीय श्रृखंला में 4-1 से मिली हार के बाद टी-20 सीरीज के शुरूआती दो मैच हारने के बाद भारतीय टीम के पास आज खोने के लिये कुछ नहीं था और बगैर दवाब के मैदान पर उतरी भारतीय टीम ने मेहमान टीम को आखिरी मुकाबले में ‘हार’ का हार पहना कर भारत की सरजमी से बेहतरीन विदाई दी।
पिछले दो मुकाबलों में भारत की हार का कारण बनी लिजेली ली (12) और एनेक्की बोच (0) राजेश्वरी का शिकार बनी वहीं लौरा वोलवर्ड्ट (0) को राधा यादव ने पवेलियन की राह दिखायी। कप्तान सुने लूस (28) और लारा गुडाल (25 नाबाद) की बदौलत दक्षिण अफ्रीका 100 के आंकड़े के पार पहुंच सकी।