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बोर्ड परीक्षा में विद्यार्थियों का कोरोना टेस्ट के बाद ही परीक्षा में शामिल किया जाए

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प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के पदाधिकारियों ने शासन को लिखा पत्र
राजनांदगांव(दावा)।
छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के पदाधिकारियों ने संपर्क समाधान अभियान के तहत लोक शिक्षण संचालनालय नवा रायपुर में प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी के मार्गदर्शन में स्थापना के प्रभारी अधिकारियों से सीधा संपर्क कर शिक्षकों के अभ्यावेदन पर विभागीय कार्यवाही का जानकारी लिया एवं राज्य शासन के आदेशों के संदर्भ में पक्ष प्रस्तुत किया है।

फेडरेशन के प्रान्तीय महामंत्री सतीश ब्यौहरे ने बताया कि वित्त विभाग के आदेश क्रमांक 385/एफ2018-25-01445/वित्त/नियम / चार नया रायपुर दिनाँक 3 अगस्त 2018 के अनुसार ऐसे शासकीय सेवक जो अपने ही विभाग अथवा अन्य विभाग के किसी पद के लिए सक्षम अधिकारी (नियुक्ता) से उचित माध्यम से अग्रेषित की अनुमति लेकर आवेदन किये थे और उनका चयन हो जाता है तथा प्रशासनिक कारणों से उन्हें अपने पूर्व पद से त्यागपत्र देना आवश्यक है तो ऐसा त्यागपत्र तकनीकी त्यागपत्र माना जायेगा, जो एक तकनीकी औपचारिकता होगी। उन्होंने बताया कि तकनीकी त्यागपत्र के मामलों में उक्त शासकीय सेवक के पूर्व की सेवाओं का लाभ वेतन निर्धारण, अवकाश इत्यादि के प्रायोजनों के लिए मिलेगा। शासन के आदेश अनुसार तकनीकी त्यागपत्र के मामले में शासकीय सेवक को वेतन संरक्षण मिलेगा अथार्त पूर्व सेवाओं का लाभ किसी अन्य नियमों के अंतर्गत देय हो तो वेतन निर्धारण के लिए भी दिया जायेगा। वेतन निर्धारण मूलभूत नियम 22 के अनुसार होगा। वार्षिक वेतनवृद्धि के लिए निर्धारित न्यूनतम अवधि की गणना मूलभूत नियम-26 अनुसार होगा। साथ ही अवकाश कारणों के लिए त्यागपत्र के पूर्व की सेवाएं निरंतर मानी जायेगी एवं पूर्व सेवा के अवकाश का शेष नए सेवा के हिसाब में जोड़ लिया जायेगा। सामान्य भविष्य निधि का अंतरण नियम-33 के प्रावधान अनुसार होगा। शासकीय सेवा में 1/11/2004 के पूर्व नियुक्ति के मामले में पूर्व पद की सेवा पेंशन नियम 26 (1) के अधीन होगा। नवीन अंशदायी पेंशन योजना के सदस्यों के मामलों में उनके पर्सनल रिटायरमेंट अकॉउंट में जमा राशि के साथ उसके पदस्थ नए कार्यालय में अंतरित होगा। शासकीय सेवक के पूर्व कार्यालय द्वारा संधारित की सेवा पुस्तिका कार्यमुक्ति टीप सहित नए कार्यालय को भेजा जाएगा।

गौरतलब है कि हाल ही में 14580 शिक्षक संवर्ग के पदों पर राज्य शासन ने भर्ती किया है। जिसमें अनेक शिक्षक (एल बी) भी चयनित हुए हैं। फेडरेशन के कहना है कि पूर्व से शासकीय सेवा में कार्यरत के मामलों में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 28 जुलाई 2020 को छत्तीसगढ़ मूलभूत नियम 22-ष्ट के उप भाग-1 को परिवर्तित कर बनाया गया स्टाइपेंड नियम के अनुसार सीधी भर्ती वाले शासकीय सेवकों को प्रथम 3 वर्ष वेतन के बजाए मूल वेतन का क्रमश: 70 त्न, 80 प्रतिशत और 90 प्रतिशत स्टायपंड देय है, जो शासकीय सेवा में नवनियुक्त शासकीय सेवकों पर लागू होना चाहिए। पूर्व से शासकीय सेवा में कार्यरत के मामलों में छत्तीसगढ़ शासन वित्त विभाग का आदेश 3 अगस्त 2018 प्रभावशील होना चाहिए।

उन्होंने बताया कि फेडरेशन ने प्रभावित शिक्षकों के साथ लोक शिक्षण संचालनालय नवा रायपुर के विभिन्न अधिकारियों से मुलाकात कर पक्ष रखा है। साथ ही विभागीय संवर्गीय पदोन्नति, समयमान वेतनमान/क्रमोन्नत वेतनमान तथा ग्रेडेशन लिस्ट पर विस्तृत चर्चा कर सझाव दिया है। विभिन्न जिलों से आये शिक्षकों के प्रस्तुत किये गये अभ्यावेदन पर अधिकारियों से सीधी बात प्रांताध्यक्ष ने किया है। पी.एच.डी एवं एम.बी.ए करने की अनुमति देने हेतु पूर्व जमा आवेदनों पर समयबद्ध आदेश जारी करने पर चर्चा हुई है।

प्रांताध्यक्ष ने संचालनालय के उच्च अधिकारियों को बताया कि अधिकांश जिलों में ग्रेडेशन लिस्ट की जानकारी शिक्षकों को नहीं है। अत: संबंधित जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी से लिखित लिया जाए कि प्रधानपाठक पूर्व माध्यमिक शाला के पद पर पदोन्नति के लिए किसी भी पात्र उच्च वर्ग शिक्षक/ प्राथमिक शाला प्रधान पाठक का नाम वरिष्ठता सूची में आने से छूटा नहीं है। उन्होंने बताया कि देर शाम फेडरेशन के प्रतिनिधि मंडल ने माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव प्रोफ़ेसर वीके गोयल से मिला। चर्चा में इस बात पर कड़ा विरोध जताया गया कि 22 मार्च को छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में कोरोना संक्रमित बच्चों को शामिल कर अलग कक्ष में परीक्षा लेने का निर्देश, भारत सरकार द्वारा कोविड-19 के रोकथाम हेतु जारी गाइडलाइन का उल्लंघन है। उक्त निर्देश के कारण एक विद्यार्थी के भविष्य के लिए, सैकड़ों विद्यार्थियों एवं समुदाय के संक्रमित होने की प्रबल संभावना है। फेडरेशन ने सुझाव दिया कि कोविड संक्रमित विद्यार्थियों के लिए उनके ठीक होने पर अलग टाइम टेबल के अनुसार परीक्षा का आयोजन किया जाए। बोर्ड परीक्षा में सभी सम्मिलित होने वाले विद्यार्थियों का कोरोना टेस्ट करने के बाद ही उसे परीक्षा में शामिल किया जाए।

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