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कोरोना काल में हरिद्वार कुंभ की कहानी, चित्रों की जुबानी…

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हरिद्वार। कोविड-19 महामारी के बीच गुरुवार से हरिद्वार में औपचारिक रूप से महाकुंभ मेले की शुरुआत हो गई। 1 माह तक चलने वाले इस धार्मिक आयोजन के शुरू होने के मौके पर मेलाधिकारी दीपक रावत, पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल और हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जन्मेजय खंडूरी ने हरकी पैड़ी पर मां गंगा, नौ ग्रहों एवं अन्य देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना कर महाकुंभ मेले के निर्विघ्न संपन्न होने की कामना की।

सुरक्षा और व्यवस्था की दृष्टि से संपूर्ण मेला क्षेत्र को 23 सेक्टर में विभाजित किया गया है। मेला अधिकारी रावत ने बताया कि प्रत्येक सेक्टर में सेक्टर मजिस्ट्रेट, स्वास्थ्य अधिकारी व पुलिस बल की तैनाती की गई हैं।

30 अप्रैल तक चलने वाले महाकुंभ मेले में 3 शाही स्नान होंगे जिसमें सभी 13 अखाड़े, नागा साधु और महामंडलेश्वर मुख्य घाट हर की पैड़ी पर ब्रह्मकुंड में मोक्ष और कल्याण की डुबकी लगाएंगे।

12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या, 14 अप्रैल को बैसाखी स्नान और 27 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा पर होने वाले शाही स्नान दिवसों पर सभी 13 अखाड़े लाखों श्रद्धालुओं के साथ स्नान करेंगे। 

 पुलिस महानिरीक्षक गुंज्याल ने बताया कि सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं और पूरे कुंभ क्षेत्र में दस हजार पुलिसकर्मी मेला क्षेत्र में तैनात हैं।हरिद्वार से देवप्रयाग तक करीब 670 हेक्टेअर क्षेत्र को महाकुंभ मेले के तहत अधिसूचित किया गया है।

कोरोना काल में हो रहे महाकुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए उत्तराखंड सरकार ने दिशानिर्देश जारी किए हैं जिनमें पंजीकरण के साथ ही उन्हें 72 घंटे पूर्व की कोविड-19 संबंधी जांच रिपोर्ट अनिवार्य रूप से लानी होगी, जिसमें संक्रमण की पुष्टि नहीं की गई हो। कोविड-19 महामारी के कारण महाकुंभ मेला अवधि को पहले ही सीमित कर दिया गया है।

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