बद्रीनाथ। करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र श्री बदरीनाथ धाम के कपाट आज मंगलवार 18 मई को वैदिक मंत्रोचार एवं शास्त्रोक्त विधि-विधान से मेष लग्न पुष्य नक्षत्र में प्रात: 4 बजकर 15 मिनट पर खोल दिए गए हैं।अब ग्रीष्म काल में निरंतर भगवान बद्रीविशाल की पूजाअर्चना होगी बद्रीनाथ धाम में होगी। इससे पहले गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट भी खोले जा चुके हैं। बद्रीनाथ धाम में भी पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कराई गई।
इस अवसर पर मंदिर तथा मंदिर मार्ग को श्री बदरी-केदार पुष्प सेवा समिति की ओर से लगभग 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। प्रात: तीन बजे से ही कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गई।
श्री कुबेर जी बामणी गांव से लक्ष्मी द्वार से मंदिर प्रांगण पहुंचे। श्री उद्धव जी भी मुख्य द्वार से अंदर पहुंचे। ठीक प्रात: 4 बजकर 15 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुले।
इस अवसर पर कुछ ही लोग अखंड ज्योति के गवाह बने। रावल ने गर्भगृह में प्रवेशकर मां लक्ष्मी को उनके परिक्रमा स्थित मंदिर में विराजमान किया। तत्पश्चात भगवान के सखा उद्धव जी एवं देवताओं के खजांची श्री कुबेर जी मंदिर गर्भगृह में विराजमान हो गए।
डिमरी पंचायत प्रतिधियों की ओर से भगवान बदरीविशाल के अभिषेक के लिए राजमहल नरेन्द्र नगर से लाए गए तेल कलश ( गाडू घड़ा) को गर्भ गृह में समर्पित किया।
भगवान को माणा गांव के महिला मंडल की ओर से शीतकाल में कपाट बंद करते समय औढाया गया घृत: कंबल उतारा गया तथा प्रसाद स्वरूप बांटा गया। भगवान के निर्वाण दर्शन के बाद अभिषेक किया गया। तत्पश्चात भगवान बदरीविशाल का श्रृंगार किया गया। इस तरह निर्वाण दर्शन से श्रृंगार दर्शन की प्रक्रिया पूरी होती है। इस संपूर्ण पूजा प्रक्रिया में रावल, डिमरी भीतरी वडुवा, आचार्यों, हक हकूकधारियों, तीर्थ पुरोहितों की भूमिका रही।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर प्रथम महाभिषेक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से जनकल्याण एवं आरोग्यता की भावना से समर्पित किया गया है। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सभी श्रद्धालुजनों को बधाई दी है तथा सभी के आरोग्यता की कामना की। कहा है कि लोग अपने घरों में रहकर पूजापाठ करें।
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने कहा कि अभी यात्रियों को यात्रा की अनुमति नहीं है, लेकिन स्थितियां सामान्य होने पर यात्रा को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जा सकता है।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने जानकारी दी कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही मंदिर परिक्रमा स्थित मंदिरों माता लक्ष्मी मंदिर, हनुमान जी, गणेश जी, श्री आदि केदारेश्वर, श्री शंकराचार्य मंदिर,माता मूर्ति मंदिर माणा तथा पंच बदरी में एक श्री भविष्य बदरी मंदिर के कपाट भी खुल गए हैं।
उन्होंने कहा कि चारधामों में से श्री यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई, श्री गंगोत्री धाम के 15 मई, श्री केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई को खुल चुके है। तृतीय केदार तुंगनाथ जी एवं चतुर्थ केदार रूद्रनाथ जी के कपाट भी 17 मई को खुल गए हैं।
द्वितीय केदार श्री मदमहेश्वर जी के कपाट 24 मई को खुल रहे हैं, जबकि श्री हेमकुंड गुरूद्वारा साहिब तथा लोकपाल श्री लक्ष्मण मंदिर के कपाट खुलने की तिथि अभी तय नहीं है।