प्रदेश में रायपुर, दुर्ग के बाद तीसरे स्थान पर है राजनांदगांव जिला
राजनांदगांव(दावा)। कोरोना संक्रमण के मामले में राजनांदगांव जिला प्रदेश में तीसरे स्थान पर चल रहा है। राजधानी रायपुर व दुर्ग के बाद राजनांदगांव सबसे संवेदनसील जिले में शामिल हो गया है। जिले में पिछले सप्ताह भर में करीब 6 हजार कोरोना संक्रमित मरीज मिले है। वहीं 30 के आसपास लोगों की कोरोना से मौत हुई है।
जिले में लोगों की लापरवाही भारी पड़ रही है। बावजूद इसके कोरोना गाइडलाइन का खुलेआम उल्लंघन से बढ़ी एक्टिव केसों की संख्या बता रही है कि प्रशासन का लॉकडाउन का फैसला सही है। पिछले एक हफ्ते में यहां करीब 5765 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, तो करीब 30 लोगों की जान गई है। जिले में शनिवार दोपहर 12 बजे से 19 अप्रैल सुबह 6 बजे तक 10 दिनों के लिए टोटल लॉकडाउन किया गया है।
अब तक कोरोना से 253 की हो चुकी है मौत
गौरतलब है कि जिले में शुक्रवार तक 29346 कोरोना के मरीज मिले है। इसमें 22 हजार 393 लोगों स्वस्थ्य हो गए है। जिले में एक्टिव मरीजों की संख्या 6700 है। वहीं कोरोना से अब तक 253 लोगों की जान चली गई है। जिले में कोरोना संक्रमण का मामला इस साल अप्रैल माह में सबसे अधिक डरावने हो रहा है। इस माह सप्ताह भर में 6 हजार के आसपास संक्रमित मिले हैं। जिले में संक्रमितों की संख्या रोजना बढ़ रही है। वहीं मौत के आंकड़े भी काफी डरावने होते जा रहे है। जिले में कोरोना का ग्राफ लोगों की लापरवाही से बढ़ी है।
मरीजों को नहीं मिल रहा रेमडेसिवीर इंजेक्शन
कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आए ज्यादातर मरीजों के फेफडे में निमोनिया की शिकायत है। ऐसे मरीजों को राहत पहुंचाने के लिए रेमडेसिवीर इंजेक्शन लगाना जरूरी होता है। पेंड्री स्थिति कोविड हॉस्पिटल से लेकर निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को डॉक्टर यह इंजेक्शन लिख रहे हैं पर स्थिति यह है कि जिला स्तर पर इसका कहीं पर भी स्टॉक नहीं है। इस दवाई की शॉर्टेज ऐसा है कि जरूरत 6 डोज की है तो केवल दो डोज ही मिल पा रहा है। स्थिति यह भी है कि प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर सामान्य रूप से निमोनिया पीडि़त मरीजों को भी रेमेडेसिवीर इंजेक्शन लगाने के लिए पर्ची लिख रहे हैं।
कोरोना का बढ़ता ग्राफ
तारीख मिले केस
3 अप्रैल 341
4 अप्रैल 425
5 अप्रैल 893
6 अप्रैल 940
7 अप्रैल ९१४
8 अप्रैल 10९६
९ अप्रैल 1183