हरिद्वार। श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा और उसका सहयोगी तपो निधि आनंद अखाड़ा ने कोरोना महामारी के बढ़ते प्रभाव के कारण कुंभ मेले से अपने को 17 अप्रैल से अलग करने का फैसला लिया है। कुंभ मेले के दौरान कोरोना से बड़ी संख्या में साधु संतों से लेकर आम श्रद्धालु तक पीड़ित मिले हैं। जिसके चलते अखाड़े ने फैसला लिया है कि महाकुंभ मेले को समय से पूर्व ही समाप्त कर दिया जाए।
श्री निरंजनी पंचायती अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा है कि हम दोनों खड़े 17 अप्रैल को अपनी छावनी को विश्राम दे देंगे और साधु संत जो बाहर से आए हैं वे अपने-अपने प्रांतों में चले जाएंगे, वही स्थानीय साधु है वह कुंभ छावनी छोड़कर अपने अखाड़े और मठों में चले जाएंगे।
स्वामी कैलाशनंद गिरि के मुताबिक यह फैसला मानवता के नाते लिया गया है। कुंभ का आगाज दिव्यता के साथ हुआ और मेला भव्यता के साथ चल रहा था, परंतु कोरोना महामारी की दूसरी लहर से कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में हमने कुंभ को 17 अप्रैल को ही निजी रूप से श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा और सहयोगी आनंद अखाड़े ने संयुक्त रूप से समाप्त करने का निर्णय लिया है।
महामंडलेश्वर ने बोले कि कोरोना महामारी लगातार पैर पसार रही है, केंद्र सरकार और उत्तराखंड सरकार ने गाइडलाइन जारी की है, ये गाइडलाइंस उनके लिए काफी महत्वपूर्ण है, जिसके चलते श्री निरंजनी और आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद महाराज और श्री महंतो ने निर्णय लिया कि 17 अप्रैल को हम अपनी छावनी को हटा लेगे। उसके बाद दोनों अखाड़ों में कोई भी बड़ा आयोजन नहीं होगा।
हमारी छावनी में जो साधु संत बाहर से आए हैं वह वापस अपने गंतव्य की तरफ कूच कर जाएंगे जो हरिद्वार के साधु- संत हैं, वह अपने मठों में वापस आ जायेगे। इसके अतिरिक्त यदि अखाड़ा परिषद कहती है कि आगामी 27 अप्रैल के शाही स्नान पर अखाड़े के कुछ संत स्नान करेंगे, तो हम अपने अखाड़े से 5-10 साधु-संत भेज देंगे।
वर्तमान समय और परिस्थितियों के मुताबिक हमने यह कठोर कदम उठाया है। देश हित और समाज हित में उठाया गया यह कदम सराहनीय है। क्योंकि निरंजनी अखाड़े के सचिव तथा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि दूसरे शाही स्नान से पूर्व कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। उन्हें आश्रम में ही आइसोलेशन में रखा गया है, नरेंद्र गिरि से मिले सपा नेता अखिलेश यादव समेत कई वीआईपी के कोरोना पॉजिटिव होने से हड़कंप मच गया।
महामंडलेश्वर कैलाशनंद गिरि व अन्य संतों ने भी अन्य अखाड़ों से कोरोना महामारी के चलते लोगों के हित को ध्यान रखते हुए मेला समाप्त करने की अपील की है।