Home छत्तीसगढ़ तेंदूपत्ता की बेहतर क्वालिटी, मई में होगी तोड़ाई

तेंदूपत्ता की बेहतर क्वालिटी, मई में होगी तोड़ाई

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नंादगांव वन मंडल में 84 हजार 400 मानक बोरा तेन्दूपत्ता तोड़ाई का लक्ष्य

राजनांदगांव(दावा)। हरा सोना कहे जाने वाले तेंदूपत्ता के लिए इस साल मौसम अनुकूल होने से फसल अच्छी हुई है। राजनांदगांव वन मंडल में इस साल 84 हजार 400 मानक बोरा तेंदूपत्ता तोडऩे का लक्ष्य रखा गया है। तेंदूपत्ता तोडऩे का काम मई के पहले सप्ताह में शुरु हो जाएगी। वन विभाग द्वारा तेंदूपत्ता तोडऩे की तैयारी पूरी कर ली गई है।
जानकारी के अनुसार तेंदूपत्ता तोड़ाई व संग्रहण में नक्सलियों की खासी नजर है। नक्सलियों का मुख्य आवक का जरिया तेंदूपत्ता को ही माना जाता है। नक्सलियों द्वारा तेंदूपत्ता ठेकेदारों से उगाही की जानकारी हर साल सामने आती है। वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस साल जिले को 84 हजार 400 मानक बोरा तेंदूपत्ता तोड़ाई व संग्रहण का लक्ष््य मिला है। जिले में तेंदूपत्ता तोड़ाई का काम मई के पहले सप्ताह में शुरु होगीै। इस साल मौसम तेंदूपत्ता के अनुकूल होने से फसल अच्छी हुई है और वन विभाग द्वारा बेहतर फसल को बेचने की तैयारी पूरी कर ली गई है। बेहतर फसल होने की वजह से इस साल लक्ष्य के अनुरुप अधिक तेंदूपत्ता की तोड़ाई होने की संभावना है। हर बार की तरह इस बार भी तेंदूपत्ता की तोड़ाई व नीलामी में नक्सलियों के रोड़ा बनने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
बाहर के ठेकेदारों की संख्या अधिक
जंगलों में मार्च से बूटा कटाई का शुरु हुआ है और तेंदूपत्ते के जंगलों का ठेका हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार हर बार की तरह इस बार भी तेंदूपत्ता खरीदी के ठेका में स्थानीय ठेकेदारों के बजाय दूसरे प्रदेशों के ठेकेदारों का दबदबा है। जिले में उत्तर मानपुर, दक्षिण मानपुर, मोहला, अंबागढ़ चौकी और खुज्जी के जंगलों में अप्रैल से तेंदूपत्ता तोड़ाई का काम शुरू हुआ है। तेंदूपत्ता सीजन आते ही माओवादियों की सक्रियता भी बढ़ जाती है। नक्सली इन्हीं दिनों में सालभर के लिए वसूली करते हैं।
4000 हजार रुपए मिलता है मानदेय
तेंदूपत्ता तोड़ाई व संग्रहण में पिछले साल भी जिले को 84 हजार मानक बोरा का लक्ष्य मिला था। जिले भर में तेंदूपत्ता तोड़ाई व संग्रहण कार्य में करीब 60 हजार संग्रहक कार्य में लगे हुए थे। दो साल पहले संग्रहकों को 2500 रुपए प्रति मानक बोरा के हिसाब े मानदेय दिया जाता था। लेकिन राज्य शासन ने दो साल से मानदेय बढ़ा कर प्रति मानक बोरा 4000 रुपए कर दिया है। संग्राहकों का मानदेय बढऩे से उन्हे उनकी मेहनत का जायज लाभ मिल रहा है।
बाहर से ही वसूली की आती है सूचना
जिले में तेंदूपत्ता ठेकेदारों से माओवादियों की वसूली की सीजन में शिकायत सामने आती है। मिली जानकारी के अनुसार नक्सली अब उगाही का पैटर्न बदल रहे हैं। माओवादी जिले से बाहर ही ठेकेदारों से वसूली करते हैं ताकि उन्हें यहां आने की जरूरत ही न पड़े। जिले में तेंदूपत्ता तोड़ाई का काम करने वाले ठेकेदारों में स्थानीय कम ही होते हैं। ज्यादातर ठेकेदार आंध्रप्रदेश के रहने वाले हैं। तोड़ाई के बाद ज्यादातर तेंदूपत्तों को आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल भेजा जाता है।
मई के पहले सप्ताह में तोड़ाई होगी शुरु
डीएफओ गुरुनाथन ने बताया कि इस साल राजनांदगांव वन मंडल में 84 हजार 400 मानक बोरा तेंदूपत्ता तोड़ाई का लक्ष्य रखा गया है। अब तक कहीं से भी नक्सल उगाही व धमकी की जानकारी सामने नहीं आई है। ऐसा होने पर पुलिस से मदद ली जाएगी।

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