बारिश से पहले प्रोजेक्ट पूरा होने की संभावना नहीं, नहीं मिल रहे मजदूर
राजनांदगांव(दावा)। कोरोना संक्रमण और लॉकडाऊन की वजह से अमृत मिशन योजना के कार्यों के रफ्तार में ब्रेक लग गया है। योजना के तहत अब भी 75 किलो मीटर पाईप लाईन बिछाने का काम बचा हुआ है। जबिक निगम प्रशासन ने इस साल गर्मी के पहले ही मिशन पूरा करने का दावा किया था।
अमृत मिशन की रफ्तार में ब्रेक लगने का सबसे बड़ा कारण लॉकडाऊन के अलावा ठेेकेदारों की अनदेखी भी है। ठेकेदारों द्वारा समय पर काम नहीं किया जा रहा है। वहीं लॉकडाऊन की वजह से पिछले साल के अलावा इस साल भी काम की रफ्तार में कमी आई है।
पाईप लाइन बिछाने के बाद इंटर कनेक्शन
निगम के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार शहर में चल रहे अमृत मिशन योजना के तहत कार्यों में अब तक 240 किलो मीटर तक पाईप लाईन बिछाने का काम पूरा हो चुका है। शहर के अंदरुनी हिस्से में लगभग 75 किलो मीटर तक पाईप लाईन बिछाने का काम बचा हुआ है। पाईप लाईन बिछाने के बाद इंटर कनेक्शन के अलावा पानी सप्लाई का सेंपल और फिर घरों में नलों का कनेक्शन देने का काम चलेगा। इन सभी कार्यों में कम से कम चार माह का समय लग सकता है। ऐसे में बारिश के पहले अमृत मिशन का काम पूरा होने की उम्मीद बहुत कम है।
बाहरी मजदूर चले गए हैं वापस
मिली जानकारी के अनुसार अमृत मिशन योजना के कार्यों में पाइपलाइन, इलेक्ट्रिकल, हाइड्रो इलेक्ट्रिक जैसे अन्य कार्य करने के लिए मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र बंगाल के अलावा दुर्ग, रायपुर व अन्य जगहों से मजदूर काम करने आए थे। कोरोना संक्रमण के फिर से बढऩे व लॉकडाऊन की वजह से अधिकांश मजदूर वापस चले गए है। वहीं स्थानीय मजदूर भी लॉकडाऊन और संक्रमण की वजह से काम पर नहीं आ रहे है। इसकी वजह से काम की रफ्तार काफी धीमी हो गई है।
परेशानी का सबब बन रही खोदी गई सडक़ें
वर्तमान में योजना के तहत कुछ जगहों पर पाइपलाइन बिछाई जा रही है। ज्यादातर मुख्य सडक़ों के साथ गली-मोहल्लों में रोड खोदी गई है। इन सडक़ों को समतल नहीं किया गया है।
खोदी गई सडक़ों पर बेतरतीब तरीके से मटेरियल डाला गया है। उबड़-खाबड़ सडक़ों पर लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। इस मामले को लेकर शहरवासियों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है।