सुंदरा मल्टीस्पेशिलिटी हॉस्पिटल का मामला
राजनांदगांव(दावा)। कोरोना मरीजों के इलाज में लापरवाही और तमाम तरह की गड़बडिय़ों की शिकायत व जांच के बाद आखिरकार जिला प्रशासन ने सुंदरा मल्टीस्पेशिलिटी हॉस्पिटल प्रबंधन को गड़बडिय़ों के संबंध ने जानकारी लेने नोटिस जारी कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस गंभीर मामले को लेकर जिला प्रशासन इतना सख्त है कि प्रबंधन को 24 घंटे में ही जवाब मांगा गया है।
गौरतलब है कि निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज में लापरवाही और तमाम तरह की गड़बडिय़ों की शिकायत के बाद बुधवार को एसडीएम मुकेश रावटे के नेतृत्व में जिला प्रशासन की टीम ने सुंदरा मल्टीस्पेशिलिटी हॉस्पिटल का औचक निरीक्षण किया था। प्रशासनिक टीम गुरुवार को कलेक्टर के सामने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।
इसके बाद जिला प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए शुक्रवार को अस्पताल प्रबंधन को 24 घंटे में जवाब पेश करने नोटिस जारी किया है।
अस्पताल में यह गड़बडिय़ां आई है सामने
लगातार कई शिकायतों के बाद प्रशासनिक टीम द्वारा बुधवार को सुंदरा के मल्टीस्पेशिलिटी अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था और अस्पताल के दस्तावेजों की पड़ताल की गई थी। जिसमें अस्पताल प्रबंधन द्वारा 60 बेड के कोविड अस्पताल की अनुमति प्रशासन से ली थी लेकिन यहां सौ बेड में मरीजों को रखकर इलाज किया जा रहा था। जांच टीम के सामने अस्पताल प्रबंधन ने 40 बेड आईसोलेशन के लिये रखा जाना बताया है। वहीं राज्य सरकार ने कोविड मरीजों से आईसीयू, सामान्य और वेंटिलेटर बेड के लिए ली जाने वाली राशि को लेकर स्पष्ट तौर पर आदेश जारी किया है लेकिन इस अस्पताल में इससे ज्यादा राशि लिए जाने का भी रिकार्ड मिला है। इसके अलावा जांच टीम ने पाया था कि अस्पताल ने रेमडेसिविर की आपूर्ति और मरीजों को लागाए गए इंजेक्शन का रिकार्ड संधारण नहीं किया है।
मान्यता को लेकर भी सवाल, एफआईआर की मांग
पूर्व में इस अस्पताल की मान्यता को लेकर भी स्थानीय स्तर पर और राज्य शासन को शिकायत की गई थी। इसके बाद भी इसे कोविड अस्पताल बना दिया गया। इस बिंदु पर भी जांच होने पर कई बड़े खुलासे होंगे। वहीं अस्पताल में लगातार आ रही शिकायत को लेकर पूर्व पार्षद व कांग्रेसी नेता हेमंत ओस्तवाल ने अस्पताल की मान्यता रद्द करने व प्रबंधक पर एफआईआर दर्ज करने की मांग मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से की है।