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दूरस्थ गांवों में मदद के लिए बर्फानी सेवा समिति ने बढ़ाए हाथ

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ग्रामीणों को बांटा गया राशन सहित अन्य सामान

राजनांदगांव(दावा)। जिले के आखिरी छोर में बसे गांवों में कोरोनाकाल के दौरान बर्फानी सेवा समिति के उदार कदम से ग्रामीणों को उनकी जरूरत के मुताबिक खानपान के सामान मिल रहे हैं।
जिला मुख्यालय से करीब 200 किमी दूर आधा दर्जन गांव में पहुंचने के लिए महाराष्ट्र के रास्ते से होकर समिति के सदस्य गांवों में पहुंच रहे हैं। कोरोनाकाल में लगे पाबंदियों के चलते ग्रामीण इलाकों की दशा भी खराब है।
ग्रामीणों के सामने भरपेट भोजन करने की जरूरत एक बड़ी समस्या बन गई है। राजनांदगांव जिले का मेढ़ागुंडरू ऐसा गांव है जहां पहुंचने के लिए महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के रास्तों को नापना पड़ता है। गढ़चिरौली के सडकों से होकर ही इस गांव में पहुंचा जा सकता है।
समिति द्वारा लगातार की जा रही मदद
सेवाभाव को लेकर बर्फानी सेवा समिति के अध्यक्ष राजेश मारू और सदस्य कमलेश सिमनकर लगातार नक्सल क्षेत्रों में पहुंचकर ग्रामीणों को सूखा राशन की सहायता दे रहे हैं। उनकी यह मदद इसलिए कारगर है कि नक्सलगढ़ से होकर सामान ग्रामीणों तक पहुंचाया जा रहा है। सेवा समिति के अध्यक्ष श्री मारू और सदस्य श्री सिमनकर ने बताया कि समिति की ओर से जरूरतमंद लोगों की सुध ली जा रही है। नक्सली क्षेत्रों में ग्रामीणों को सहायता देना इसलिए भी जरूरी है कि क्योंकि दूरस्थ इलाके में बसे लोगों तक पहुंचना प्रशासन के लिए भी कठिन चुनौती है। ऐसे में समिति ने बीड़ा उठाकर लोगों की सहायता करने का संकल्प लिया है। बताया जाता है कि बीहड़ इलाकों में बसे मेतातोड़, कोहकाटोला और नैनगुड़ा के बाशिंदों को भी सूखा राशन वितरित किया गया। गौरतलब है कि गुजरे साल भी कोरोनाकाल के संकट में समिति के द्वारा राजनंादगांव जिले के उत्तरी इलाके कटेमा, गातापार, मलैदा में भी ग्रामीणों को राशन और सब्जियों की खेप पहुंचाई गई थी। समिति की मदद से ग्रामीणों को भरपेट भोजन करने की चुनौती से निजात मिली है।

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