नई दिल्ली। कोरोनावायरस संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहे भारत को अमेरिका, आयरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और कुवैत समेत विभिन्न देशों की तरफ से मंगलवार को आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति प्राप्त हुई।
संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच कई राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के अस्पतालों को ऑक्सीजन की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
भारत को भेजी गई सहायता के तहत गुजरात की मुंद्रा बंदरगाह पर तरल मेडिकल ऑक्सीजन के 7 टैंकर पहुंचे जिनमें प्रत्येक में 20 मीट्रिक टन ऑक्सीजन है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्विटर पर कहा कि हमारी व्यापक सामरिक साझेदारी को और मजूबती देते हुए मुंद्रा बंदरगाह पर मेडिकल ऑक्सीजन वाले 7 टैंकर पहुंचे। प्रत्येक में 20 मीट्रिक टन ऑक्सीजन है। भारत को तरल मेडिकल ऑक्सीजन की यह अपनी तरह की पहली खेप है। संयुक्त अरब अमीरात द्वारा उपलब्ध कराई गई सहायता के लिए आभार। इससे ऑक्सीजन की उपलब्धता में इजाफा होगा।
वहीं अमेरिका की तरफ से भारत को उपलब्ध कराई गई चिकित्सा सहायता की 5वीं खेप विशेष विमान के जरिए दिल्ली लाई गई। इस खेप में 545 ऑक्सीजन सांद्रक भी शामिल हैं। आयरलैंड की तरफ से भेजी गई चिकित्सा आपूर्ति की दूसरी खेप में 2 ऑक्सीजन उत्पादक, 548 ऑक्सीजन सांद्रक, 365 वेंटिलेटर समेत अन्य चिकित्सा उपकरण शामिल हैं। बागची ने सहायता के लिए आयरलैंड का आभार जताया।
उन्होंने कहा कि ब्रिटेन से 450 ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर भारतीय वायुसेना का विमान चेन्नई पहुंचा है। भारत को कुवैत की तरफ से प्राप्त चिकित्सा आपूर्ति में 282 ऑक्सीजन सिलेंडर, 60 ऑक्सीजन सांद्रक और वेंटिलेटर समेत अन्य उपकरण शामिल हैं। दुनियाभर के कम से कम 40 देशों ने भारत को चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने की घोषणा की है।
राज्यों को बांटी सामग्री : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि दूसरे देशों से प्राप्त सहायता को विभिन्न राज्यों के बीच वितरित कर दिया गया है ताकि कोविड-19 के बढ़ते मामलों से निपटा जा सके।स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि मंत्रालय की तरफ से तय नियमों एवं सिद्धांतों के आधार पर हर राज्य की जरूरत के मुताबिक विभिन्न राज्यों में 38 (रिपीट 38) संस्थानों के बीच 24 अलग- अलग श्रेणियों की करीब 40 लाख सामग्री वितरित की गई।
बयान में बताया गया कि उपकरणों की बड़ी श्रेणी में बिपाप मशीन, ऑक्सीजन (कंसेंट्रेटर्स, सिलिंडर, पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र और पल्स ऑक्सीमीटर), दवाएं (फैबिपीरावीर और रेमडेसिविर) और पीपीई (संपूर्ण कवर, एन-95 मास्क और गाउन) शामिल हैं।आवंटन के मानक संचालन प्रक्रिया के तहत चूंकि सहायता बहुत सीमित संख्या में है इसलिए इसे उन राज्यों के बीच तार्किक रूप से वितरित किया गया जहां संक्रमण के मामले ज्यादा हैं।
बयान के मुताबिक जिन 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सहायता भेज दी गई है या जहां के लिए सहायता रवाना की गई है उनमें दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम, केरल और कर्नाटक शामिल हैं। विदेशों से और मिल रही सहायता को आगामी दिनों में शेष राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच वितरित किया जाएगा।