राहत भरी खबर है कि होम आईसोलेशन वाले मरीज हो रहे रिकवर
राजनांदगांव (दावा)। पिछले कुछ दिनों से शहरी क्षेत्र में कोरोना संक्रमण में कमी आई है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण बढ़ रहा है। इसका प्रमुक कारण गांवों में कोरोना प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन नहीं करने के अलावा मास्क से दूरी है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में लोग कोरोना टेस्ट कराने भी रुची नहीं दिखा रहे हैं और वे लोग गंभीर स्थिति में पहुंच रहे हैं।
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से नगर निगम सीमा क्षेत्र में संक्रमण दर में काफी गिरावट आई है। पॉजिटिव की संख्या 100 के लगभग पहुंच गई है जबकि ग्रामीण क्षेत्र में संक्रमण का दायरा बढ़ा हुआ है। ब्लॉक स्तर पर रोज 5 से 6 सौ संक्रमितों की पुष्टि हो रही है। इसका कारण लोगों में लापरवाही प्रमुख है।
रिकवरी दर औसत हो रहा बेहतर
जिले में रिकवरी दर औसत बेहतर हो रहा है। 10 दिन पहले जब अस्पतालों में बेड की कमी होने लगी थी तब कई लोगों ने रिस्क लेकर सांस की तकलीफ वाले मरीजों को भी घर पर रखकर इलाज कराया। इनमें से ज्यादातर मरीज ठीक हो गए हैं। घर पर ही ऑक्सीजन सिलेंडर रखकर मरीजों का इलाज कराया गया। जिले में अब तक 51328 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। राहत की खबर यह है कि इनमें से 42259 लोग कोरोना को मात देकर स्वस्थ्य हो चुके हैं। इनमें से लगभग 10 से 15 हजार मरीज ही सरकारी और निजी अस्पताल सहित कोविड सेंटर तक पहुंचे हैं। वहीं ज्यादातर मरीज घर पर ही इलाज कराए हैं।
होम आईसोलेट वाले मरीज हो रहे स्वस्थ्य
मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में जिले में 7068 लोग होम आइसोलेट होकर इलाज करा रहे हैं।
वहीं 342 मरीज शहर सहित रायपुर, दुर्ग, भिलाई के निजी अस्पतालों भर्ती हैं। वहीं पेंड्री स्थित कोविड हॉस्पिटल से इन दिनों ने राहत भरी सूचना यह मिल रही है कि यहां 300 बेड में 240 में ही मरीज भर्ती हैं, 60 बेड खाली है। दरअसल कम लक्षण वाले मरीज घर पर ही इलाज कराना उचित समझ रहे हैं। इसका पॉजिटिव इफैक्ट भी सामने आ रहा है। केवल उन्हीं मरीजों को अस्पताल ले जाया जा रहा है, जिनमें गंभीर लक्षण हैं और सांस लेने में ज्यादा परेशानी है। जिले में कोविड सेंटरों में भी बेड रिक्त बताए जा रहे हैं।