Home छत्तीसगढ़ भूपेश सरकार की वैक्सीन पर राजनीति जनता को भारी पड़ी-खूबचंद पारख

भूपेश सरकार की वैक्सीन पर राजनीति जनता को भारी पड़ी-खूबचंद पारख

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राजनांदगांव (दावा)। छग सरकार द्वारा वह 18 प्लस पर अंत्योदय कार्ड पर लगाई जा रही वैक्सीन नीति को हाईकोर्ट से झटका लगने के बाद अब सरकार ने 18 प्लस के वैक्सीनेशन को ही रोक दिया। वैक्सीनेशन की इस नीति के विरोध में प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष खूबचन्द पारख ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार कि टीकाकरण की नीति भेदपूर्ण रही, जिसका भाजपा ने शुरू से ही विरोध किया जिसे कांग्रेस ने गरीबों के विरोधी के रूप में भाजपा पर पलटवार किया।
श्री पारख में कहा कि अपनी अक्षमता और देर से लिए गए निर्णय के कारण,, पर्याप्त संख्या में कंपनी द्वारा वैक्सीन उपलब्ध ना होने के कारण अपनी असफ़लता का ठीकरा भाजपा पर फोडऩे का कुत्सित प्रयास कांग्रेस द्वारा किया जा रहा है। श्री पारख ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में प्रदेश की जनता इस भयानक बीमारी से पीडि़त थी,और ऐसे संकट के समय में राज्य सरकार केंद्र के निर्णय पर राजनीति कर रही थी और दम्भ भर कर कह रहे थे कि को वैक्सीन को राज्य में नहीं लगाने देंगे, ऐसा कह कर लाखों की संख्या में आई हुई को वैक्सीन को खराब किया गया। श्री पारख ने कहा कि जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने को वैक्सीन इंजेक्शन लगवाया और विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया कि को वैक्सीन 83 प्रतिशत सफल वैक्सीन है, तभी राज्य सरकार ने उसे लगाने की मंजूरी दी जबकि भारत में सभी राज्य को वैक्सिन को शुरू से लगा रहे थे।
श्री पारख ने कहा कि यह विश्व का पहला मामला होगा जहां वैक्सीनेशन आर्थिक आधार पर शुरू किया गया था, जिसकी उन्हने कड़े शब्दों में निंदा की और कहा कि कोरोना की बीमारी गरीब और अमीर देख कर नहीं आती और सरकार का दायित्व है कि वह सभी के लिए वैक्सीनेशन का प्रबंध करें। कोरोना सेस, डीएमए फंड और कैंपा फंड के रूप में हजारों करोड़ों रुपए राज्य राज्य के पास रखे हैं। कोरोना संक्रमण दौर के चरम स्थिति में भी राज्य सरकार हाथ पर हाथ रखे बैठी रही, और टीकाकरण के रेट पर भ्रम फैलाकर बातें करती रही और समय निकल गया। रेडिमसीविर का इंजेक्शन किस दर पर खरीदा गया यह भी जनता को जानकारी होनी चाहिए जबकि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में 665 की दर से यह इंजेक्शन खरीदा गया। श्री पारख ने कहा कि जानबूझकर केंद्र सरकार के टीकाकरण अभियान की आलोचना कर भूपेश सरकार कोरोना के असफलता पर लोगों का ध्यान भटका ना चाहती है इसलिए आर्थिक रूप से टीकाकरण आरक्षण प्रणाली लागू कर दी गई जिसका हाईकोर्ट में संज्ञान लेते हुए इस प्रणाली का विरोध किया और इसे प्रजातंत्र के लिए गलत बताया।
श्री पारख ने कहा कि भूपेश सरकार राज्य के सभी लोगों की एक समान चिंता करें और जल्द ही 18 प्लस के लोगों के लिए टीकाकरण की व्यवस्था करें, ताकि तीसरी लहर के आने से पूर्व सभी 18 प्लस के लोगों को टीका लग सके और कोरोना से उनका बचाव हो सके। श्री पारख ने कहा कि 18 प्लस 44 तक के वैक्सीनेशन अभियान को रोकने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की गलत नीति दोषी है, क्योंकि सरकार की नीयत में शुरू से ही खोट रही है। चुनाव के समय में राजनीति करना समझ में आता है, परंतु जब प्रदेश की जनता गंभीर बीमारी से जूझ रही है, ऐसी गंभीर स्थिति में कांग्रेस सरकार की तेरे मेरे की गन्दी राजनीति प्रदेशवासियों को भारी पड़ी है।

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