राजनांदगांव(दावा)। शहर कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष रौशनी सिन्हा के बंगाल की चिंता वाले दिये गए बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा महिला मोर्चा शहर अध्यक्ष श्रीमती पूनम शर्मा ने कहा है कि, इस प्रकार की ओछी राजनीति और ओछा बयान शोभा नहीं देता। लगता है रौशनी सिन्हा पश्चिम बंगाल की जनता के साथ हो रहे अत्याचार से अनभिज्ञ हैं या फिर इन्होंने जानबूझकर अपनी आँखें मूंद ली है। भाजपा को पश्चिम बंगाल की उन तमाम आवाम की चिंता है। जिन पर बेवजह रंजीश निकालकर तृणमूल काँग्रेस की नेता ममता बनर्जी ज्यादती कर रही है। श्रीमती रौशनी सिन्हा का यह गैरजिम्मेदाराना बयान पश्चिम बँगाल में लगातार हो रहे नरसंहार से आहत और पीडि़तों का अपमान करने वाला और अत्याचारियों को अपनी सहमति देने जैसा है। एक ओर पश्चिम बँगाल की जनता और उनके घर जलाए जा रहे हैं। व्यापारियों की दुकानें सरेआम और दिन दहाड़े लूटी जा रही है। टीएमसी के गुंडों द्वारा महिलाओं के साथ अभद्रता की जा रही है।
एक महिला होने के बाद भी क्या श्रीमती रौशनी सिन्हा को उनका यह दर्द दिखाई नही देता। टीएमसी की नेता और उनके गुर्गों द्वारा पश्चिम बंगाल की आवाम और वहाँ के मूलनिवासियों पर अत्याचार कर उन्हें राज्य से बेदखल करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। बंगलादेशी घुसपैठियों की मदद से ममता बनर्जी ने पहले मतदान को अपने पक्ष में कराया और अब जम्मू-कश्मीर की तजऱ् भारत के टुकड़े कर पृथक बांग्लादेश की स्थापना की दिशा में कार्य कर रही है। ऐसे देशविरोधी और देशद्रोही गतिविधियों को श्रीमती रौशनी सिन्हा अपने बयान के माध्यम से एक तरह से बढ़ावा देकर स्वयँ देशद्रोह का भागी बन रही है। भारतीय जनता पार्टी अगर पश्चिम बंगाल की आवाम की सुरक्षा पर चिन्ता जता रही है तो श्रीमती सिन्हा के पेट मे क्यों मरोड़ उठ रहे हैं। खोखली लोकप्रियता पाने के चक्कर मे इस तरह का गैरजिम्मेदाराना और कोरी बयानबाजी कर अपनी ही फजीहत कराने में तुली हुई है। चाहे पश्चिम बँगाल की बात हो, जम्मू-कश्मीर की बात हो अथवा छत्तीसगढ़ की ही बात क्यों न हो। भारतीय जनता पार्टी पूरे देश और देश के प्रत्येक नागरिक की चिंता करती है। श्रीमती रौशनी सिन्हा बताएँ कि, क्या अपने देश की या यहाँ के नागरिकों की चिंता करना गलत है। जहाँ तक कार्यकर्ताओं की बात है तो उनकी सुरक्षा का ध्यान रखना भी हमारी पार्टी का नैतिक कर्तव्य है। हो सकता है कि काँग्रेस की संस्कृति अलग हो और उन्हें अपने कार्यकर्ताओं की कोई फिक्र न हो। वैश्विक महामारी के चलते जहाँ पूरे प्रदेश और देश मे लॉक डाऊन की स्थिति है। ऐसे समय मे लॉयन ऑर्डर और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अपने-अपने घरों के सामने विरोध करना कहाँ गलत है। हर अन्याय का विरोध होना चाहिये और हमने वही किया जो देशहित के प्रति हमारा राजधर्म कहता है। उन्होंने कहा कि, लानत तो आपको होनी चाहिए और शर्म आनी चाहिए आपकी ऐसी घटिया और ओछी राजनीति को जो मरहम लगाने के समय घाव देने का काम कर रही हैं। पश्चिम बँगाल की आवाम इस तरह सरेराह अत्याचार का शिकार हो रही है और काँग्रेस नेत्री उनकी वेदना बढ़ाकर उनकी व्यथा का मज़ाक उड़ा रही है।
जहाँ तक कोरोना महामारी के दौरान मरीजों और उनके परिजनों की सुध लेने की बात है तो बिना राज्य सरकार से अपेक्षा किये भारतीय जनता पार्टी अपना भरसक सहयोग और अपना दायित्व बखूबी निभा रही है। जिसकी नैतिक जिम्मेदारी सर्वप्रथम प्रदेश सरकार की होनी चाहिए थी।